Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Jul, 2024 10:38 AM
प्रेम एक ऐसा शब्द जिसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। प्रेम करने की न ही कोई उम्र होती है और न ही कोई सीमा। हमारे शास्त्रों में श्री राधाकृष्ण के प्रेम को
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Harshita Krishna Shadi: प्रेम एक ऐसा शब्द जिसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। प्रेम करने की न ही कोई उम्र होती है और न ही कोई सीमा। हमारे शास्त्रों में श्री राधाकृष्ण के प्रेम को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। भगवान के प्रति भक्ति और प्रेम की बहुत सारी गाथाएं देखने और सुनने को मिलती हैं।श्री कृष्ण भक्ति में रमां प्रेम का ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के हल्द्वानी से सामने आया है, जहां 21 वर्षीय हर्षिका श्री कृष्ण के प्रेम में ऐसी डूबी कि उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ कान्हा जी के संग विवाह ही रचा लिया।
हर्षिका बचपन से ही श्री कृष्ण के प्रेम में रमी हुई थी और 10 साल की उम्र में ही कान्हा जी के लिए उन्होंने करवाचौथ का व्रत रखना शुरू कर दिया था। मन ही मन हर्षिका श्री कृष्ण को अपना पति मान बैठी थी। इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए हर्षिका के माता-पिता और रिश्तेदारों ने पूरे विधि-विधान और बैंड-बाजे के साथ कान्हा जी के साथ उसका विवाह करवा दिया। हर्षिका के पिता ने बताया कि श्री कृष्ण की इस प्रतिमा को वे वृन्दावन से लेकर आए थे और बुधवार को इसकी प्राण-प्रतिष्ठा की थी। गुरूवार के दिन हर्षिका ने कान्हा ने नाम का सिंदूर अपने मांग में भर लिया।
कुमाऊनी रीति-रिवाज से हुआ हर्षिका का विवाह
कुमाऊनी रीति-रिवाज के साथ हर्षिका का विवाह किया गया। इसके पश्चात जयमाला की गई और इस अनोखे विवाह को देखने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग पहुंचे। वहां पहुंचे मेहमानों के लिए खाने-पीने का खास इंतजाम किया गया। हर्षिका विवाह के बाद श्री कृष्ण को घर जमाई बनाकर अपने घर पर ही ले आई। इस शादी के बाद हर्षिका और उनके परिवार की खुशियां दोगुनी हो गई हैं।
हर्षिका की मां बताती हैं कि उनकी बेटी बचपन से श्री कृष्ण की बात करती है लेकिन हर्षिका को सिर्फ एक ही चीज नापसंद है और वो है उनके पति श्री कृष्ण के साथ राधा का नाम। जब भी कोई राधा-कृष्ण का नाम एक साथ लेता है तो वो बहुत गुस्सा हो जाती है। हर्षिका ने अपनी शादी की सारी शॉपिंग भी वृन्दावन से की है।