Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Sep, 2024 04:00 AM
हिन्दू धर्म में तीन बार तीज का व्रत रखा जाता है और 6 सितंबर को आखिरी तीज यानि हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। सुहागिन महिलाओं के लिए ये दिन बेहद
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Hartalika Teej 2024: हिन्दू धर्म में तीन बार तीज का व्रत रखा जाता है और 6 सितंबर को आखिरी तीज यानि हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। सुहागिन महिलाओं के लिए ये दिन बेहद ही खास माना जाता है। यह पर्व खासकर उत्तर भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और इसकी धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्वता बहुत गहरी होती है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि इस व्रत को रखने से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। हरतालिका तीज के दिन देवी पार्वती की आराधना करने से पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है और वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। जल्द से जल्द शुभ फलों की प्राप्ति और पति की लम्बी आयु के लिए इस दिन श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से जल्द ही आपके मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।
श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं
गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं
मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥
चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ ४॥
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम् ।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५॥
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्द संदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६॥
न यावत् उमानाथ पादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत् सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम् ॥ ७॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो ॥ ८॥
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥
॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं संपूर्णम् ॥
Benefits of reading Shri Shiv Rudrashtakam Stotram श्री शिव रुद्राष्टकम स्तोत्रम पढ़ने के फायदे
रुद्राष्टकम स्तुति एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शक्तिशाली मंत्र है, जिसे भगवान शिव की आराधना के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका पाठ करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। इस स्तुति की रचना महर्षि व्यास ने की थी और इसमें आठ श्लोक हैं जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करते हैं। बता दें कि हरतालिका तीज के दिन रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ करने से मानसिक शांति और सुकून प्राप्त होता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि भगवान शिव की पूजा और आराधना से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रुद्राष्टकम स्तुति की पूजा से जीवन में आने वाली समस्याओं और संकटों से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।