Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Jul, 2024 07:18 AM
हाथरस के गांव पुरलई और मुगल गढ़ी के बीच स्वयंभू बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग के नाम पर ऐसा मजमा लगा कि 116 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल
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हाथरस के गांव पुरलई और मुगल गढ़ी के बीच स्वयंभू बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग के नाम पर ऐसा मजमा लगा कि 116 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए। आस्था के अंधविश्वास में अस्थियों का ऐसा अंबार लगा कि लाशों को देखकर लोग बेसुध हो गए।
हाथरस से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया। इसके बाद हरकत में आई प्रदेश सरकार ने अफसरों और मंत्रियों के दस्ते को राहत कार्य और हालातों का जायजा लेने हाथरस भेजा। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह दर्दनाक हादसा अंधविश्वास के कारण हुआ। सत्संग में आए लोगों की आस्था थी कि बाबा की चरण रज लेने से न सिर्फ मनोकामना पूर्ण होगी बल्कि जीवन भी खुशहाल होगा। जिसके चलते सत्संग की समाप्ति के बाद जब बाबा रवाना हुए तो श्रद्धालुओं का सैलाब उनकी चरण रज लेने दौड़ पड़ा।
देखते ही देखते कानपुर हाईवे पर लाशों के ढेर लग गए। हाथरस के बांग्ला जिला अस्पताल में भर्ती घायलों से पूछताछ के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं पूर्व आईपीएस अफसर असीम अरुण ने भी इस बात की पुष्टि की है। उनका कहना है कि दर्दनाक हादसे के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।