Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 Jul, 2024 09:39 AM
राजधानी दिल्ली की ज्यादातर बनावट मुगलों की बनाई नजर आती है। दिल्ली के कई इलाकों में मकबरे, किले, प्राचीन गेट और झीलों का संगम देखने को मिलता है
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Hauz Khas Fort: राजधानी दिल्ली की ज्यादातर बनावट मुगलों की बनाई नजर आती है। दिल्ली के कई इलाकों में मकबरे, किले, प्राचीन गेट और झीलों का संगम देखने को मिलता है जो पुरानी रियासतों की याद दिलाते हैं।
आज हम एक ऐसी प्राचीन धरोहर की बात करने जा रहे हैं जिसको खिलजी साम्राज्य की धरोहर के रूप में माना जाता है। बात कर रहे हैं हौज खास विलेज की, यह इलाका साऊथ दिल्ली में पड़ता है। दिल्ली मैट्रो का सबसे गहरा स्टेशन भी यहीं है।
आखिर इस इलाके का नाम हौज खास क्यों पड़ा ?
दरअसल, हौज खास का नाम अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल में पड़ा। जब दिल्ली की कुर्सी पर खिलजी का राज था, तब उसने राज्य में पानी की आपूर्ति के लिए पानी का तालाब बनवाया था। इस तालाब को हौज खास कहा जाता था। हौज शब्द फारसी भाषा का है, जिसका अर्थ होता है- पानी की टंकी। वहीं खास शब्द का मतलब है शाही।
ये तालाब खिलजी ने शाही परिवार के लिए बनवाया था। जिस जगह ये पानी का टैंक बना था वहां बसे गांव का नाम हौज खास पड़ गया। आज भी इसे हौज खास विलेज कहा जाता है।
आज दिल्ली का यह गांव दुनिया का सबसे अमीर गांव माना जाता है। हौजखास इलाके में पानी की टंकी, इस्लामी मदरसा, मस्जिद, मकबरा और मंडप मौजूद हैं। इन सबका निर्माण 13वीं सदी की दिल्ली सल्तनत के शासनकाल के दौरान किया गया था। हौज खास में बने शाही पानी की टंकी को बाद फिरोज शाह तुगलक के शासन काल के दौरान नष्ट कर दिया गया। अगर आप हौज खास विलेज जाते हैं, तो यहां बने मकबरे की ओर एक सुंदर इमारत है, जिससे आपको खिलजी काल का बना टैंक का नजारा दिखाई देता है।
तबेले में खुला था पहला बुटीक
हौज खास का स्वरूप 1987 में बदलना शुरू हुआ, जब उस समय की फेमस फैशन डिजाइनर बीना रमानी ने एक तबेले को अपने डिजाइनर बुटीक में बदल दिया। इसी के कारण लोगों का ध्यान धीरे-धीरे इस गांव की तरफ आकर्षित होना शुरू हुआ और यह आम गांव न रहकर एक मॉर्डन गांव में बदलने लगा।
महंगे क्लब और रैस्टोरैंट से सज गया है गांवपानी के तालाब के लिए बना हौज खास आज दिल्ली के सबसे महंगे पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ है। यहां महंगे रैस्टोरैंट, आर्ट गैलरी, बुटीक और बार हैं, जहां रोजाना हजारों लोग पहुंचते हैं।
इसके अलावा यहां हौज खास झील भी है, जहां हंस और बत्तख रहते हैं। इन्हें देखने के लिए कई पर्यटक आते हैं। यहां जगन्नाथ मंदिर भी है, जहां ओडिया समाज के लोग जाते हैं। यहां आपको ओडिया प्रसाद और कल्चर देखने को मिलेगा।
हौज खास ऐसे जाएं
अगर आप हौज खास जाना चाहते हैं तो इसके लिए दिल्ली मैट्रो बैस्ट ऑप्शन है। हौज खास मैट्रो की यैलो और मैजेंटा लाइन पर है। ये दिल्ली मेट्रो का सबसे गहरा स्टेशन भी है। आप बस से भी हौज खास पहुंच सकते हैं। दिल्ली के लगभग हर इलाके से इसके लिए बस की सुविधा है।