Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Feb, 2020 09:03 AM
![heritage city mayapur](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2020_2image_09_03_407440681thetemple-ll.jpg)
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर इस महीने खुलने जा रहा है। मंदिर की पहली मंजिल में फिनिशिंग का काम अपने अंतिम चरण में है। यह मंदिर 2022 तक बन कर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। वैदिक नक्षत्र भवन वाले इस मंदिर का निर्माण एक लाख वर्ग फीट में किया गया है,
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नई दिल्ली (विशेष): दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर इस महीने खुलने जा रहा है। मंदिर की पहली मंजिल में फिनिशिंग का काम अपने अंतिम चरण में है। यह मंदिर 2022 तक बन कर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। वैदिक नक्षत्र भवन वाले इस मंदिर का निर्माण एक लाख वर्ग फीट में किया गया है, जो पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के मायापुर में स्थित है। इस मंदिर में विश्व में कई चीजें पहली बार देखने को मिलेंगी। विश्वभर में लाइव प्रार्थना दिखाएगी। यह मंदिर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाले आधुनिक समय के किसी महल से कम नहीं है, जहां सबसे बड़ा झूमर लगाया जा रहा है।
इस्कॉन या इंटरनैशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनैस का मुख्यालय मायापुर में है। इस मंदिर की कई विशेषताएं हैं, जो इसे अद्वितीय बनाती हैं। इसका निर्माण एक दशक पहले शुरू हुआ था और संरचना के निर्माण में दो करोड़ किलो से अधिक सीमैंट का इस्तेमाल हो चुका है। इसमें हर मंजिल का फ्लोर एक लाख वर्ग फुट का होगा, जो इसे और भी खूबसूरत बनाता है और साथ ही मंदिर में सबसे बड़ा गुंबद बना है।
वैदिक ज्ञान पर आधारित एक वैज्ञानिक और आधिकारिक प्रस्तुति के माध्यम से दुनिया भर में वैदिक संस्कृति और ज्ञान का प्रसार करने के इरादे से इस मंदिर को बनाया गया है। 380 फीट ऊंचे मंदिर में विशेष ब्लू बोलिवियन संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो मंदिर में पश्चिमी वास्तुकला के प्रभाव को दिखाता है।
मंदिर के प्रबंध निदेशक सदबुझा दास ने कहा कि यह मंदिर पूर्व और पश्चिम का मिश्रण है। संगमरमर वियतनाम से आयात किया गया है। हमने भारत से भी संगमरमर खरीदा है। मंदिर अद्वितीय है क्योंकि इसमें पुजारी मंजिल 2.5 एकड़ में फैली है और मंदिर का फर्श 60 मीटर व्यास का है। देवताओं का घर भी अनोखा है। हम 20 मीटर लंबे वैदिक झूमर का निर्माण कर रहे हैं।
मंदिर इतना विशाल है कि इसकी एक मंजिल में एक बार में 10,000 से अधिक श्रद्धालु बैठ कर भगवान श्री कृष्ण के सामने प्रार्थना कर सकते हैं, गा सकते हैं और नृत्य भी कर सकते हैं। मंदिर में संचार प्रमुख सुब्रतो दास ने कहा कि हमारे संस्थापक आचार्य प्रभुपाद कुछ ऐसा निर्माण करना चाहते थे, जो पूरे विश्व को मायापुर की ओर आकर्षित करे। मायापुर चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली रहा था।
वह चाहते थे कि सभी लोग आएं। मंदिर के दरवाजे सभी समुदायों, सभी जातीय पृष्ठभूमि, सभी धार्मिक पृष्ठभूमि के लिए खुले रहेंगे। लोग यहां आ सकते हैं, जाप कर सकते हैं, प्रभु के सामने नृत्य कर सकते हैं और ‘संत कीर्तन आंदोलन’ का हिस्सा बन सकते हैं। हालिया आंकड़ों के मुताबिक, मायापुर में हर साल लगभग 70 लाख लोग आते हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मायापुर को हैरिटेज सिटी घोषित किया था।
हैरिटेज सिटी मायापुर
2022 तक बन कर पूरी तरह तैयार होगा वैदिक नक्षत्र भवन
10,000 श्रद्धालु एक साथ कर सकेंगे प्रार्थना
20 मीटर लंबा होगा वैदिक झूमर
70 लाख लोग हर साल आते हैं मायापुर
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के मायापुर में स्थित है मंदिर हरेक मंजिल का फ्लोर एक लाख वर्ग फीट में होगा