Edited By Jyoti,Updated: 29 Aug, 2022 03:34 PM
हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले लगभग लोगों के घर में सुबह शाम पूजा के नियम को ज़रूर अपनाते हैं। बल्कि सनातन धर्म में पूजा किए बिना दिन की शुरूआत करने की कल्पना भी नहीं की जाती। कहा जाता है इससे न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि देवी-देवता प्रसन्न होकर...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले लगभग लोगों के घर में सुबह शाम पूजा के नियम को ज़रूर अपनाते हैं। बल्कि सनातन धर्म में पूजा किए बिना दिन की शुरूआत करने की कल्पना भी नहीं की जाती। कहा जाता है इससे न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि देवी-देवता प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं और उनकी तमाम परेशानियों को दूर करते हैं। बात करें हिंदू धार्मिक शास्त्रों की इसमें पूजा पाठ को लेकर कई तरह के नियमों को पालन जरूरी माना जाता है। परंतु कुछ लोग इन नियमों को अपनान भूल जाते हैं। तो आइए आपको बताते हिंदू धर्म में बताए गए शाम की पूजा से जुड़े कुछ खास नियम, जिनका उल्लघंन करने से व्यक्ति के जीवन में मुसीबतें ही मुसीबतें पैदा हो जाती हैं। तो आइए आपको बताते हैं शाम के समय पूजा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
सबसे पहले आपको बता दें कि संध्याकाल की पूजा हमेशा सही समय पर करनी चाहिए। सूर्यास्त के एक घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक का समय शाम की पूजा के लिए उत्तम माना गया है। कभी भी संध्याकाल की पूजा रात्रि में नहीं करनी चाहिए।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सुबह की पूजा में शंख और घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। लेकिन बता दें कि शाम के समय पूजा के दौरान गलती से भी घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि मान्यता है कि सूर्य अस्त होने के बाद देवी-देवता शयन को चले जाते हैं। ऐसे में शंख या घंटी बजाने से उनके विश्राम में खलल पड़ सकता है।
तो वहीं शास्त्रों के अनुसार, यदि आप सुबह के समय भगवान को ताजे फूल चढ़ाते हैं तो ये बहुत अच्छी बात है, लेकिन शाम के समय पूजा करते हैं, तो फूल न तोड़ें। शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय फूल तोड़ना शुभ नहीं होता है। इसलिए शाम के समय भगवान की पूजा के लिए फूल तोड़कर न लाएं।
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इसके अलावा आपको बता दें कि हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ या अनुष्ठानों में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना बहुत शुभ बताया गया है, लेकिन शाम के वक्त तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़ना चाहिए और न ही शाम के समय होने वाली पूजा में तुलसी का प्रयोग करना चाहिए। अगर आप संध्या के समय पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करते हैं। तो आपको जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही साथ ये भी बता दें कि सूर्यास्त के बाद तुलसी को छूना भी वर्जित माना गया है। ऐसा करना आपके लिए कई मुसीबतों का कारण बन सकता है।
बताते चलें कि शाम की पूजा में हमेशा दो दीपक जलाएं एक घी का और एक तेल का।
इसी के चलते बता दें कि हिंदू धर्म में की जाने वाली लगभग सभी पूजा में सूर्य देव का आह्वान जरूर किया जाता है, लेकिन सूर्यदेव की पूजा हमेशा दिन में की जाती है। सूर्यास्त के बाद सूर्यदेव की पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है। वहीं शाम को पूजा स्थल का पर्दा कर देना चाहिए। ताकि भगवान के विश्राम में बाधा उत्पन्न न हो।