Holashtak: इस दिन से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, शुभ कामों पर लगेगा Ban

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Mar, 2025 07:15 AM

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Holashtak 2025 Date: हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर होली का त्योहार मनाया जाता है। होली से पहले होलाष्टक का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, होली के आठ दिन पहले ही होलाष्टक शुरू हो जाता है और इसे शुभ नहीं माना जाता। होलाष्टक से होली तक कोई...

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Holashtak 2025 Date: हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर होली का त्योहार मनाया जाता है। होली से पहले होलाष्टक का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, होली के आठ दिन पहले ही होलाष्टक शुरू हो जाता है और इसे शुभ नहीं माना जाता। होलाष्टक से होली तक कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होते हैं और पूर्णिमा के दिन होली दहन के साथ समाप्त होते हैं। होलाष्टक के दौरान कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। आज 7 मार्च से होलाष्टक शुरू होगा और इसे अशुभ माना जाता है। जो 13 मार्च को होलिका दहन पर समाप्त होगा। होलाष्टक यानी होली से पहले के आठ दिन।

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Importance of holashtak होलाष्टक का महत्व
होलाष्टक दो अलग-अलग शब्दों, ‘होली’ और ‘अष्टक’ से मिलकर बना है। जिसका अर्थ होली के आठ दिन है। होलाष्टक के समय कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी-विवाह, बच्चे का नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश आदि जैसे शुभ कार्यक्रम करने से बचना चाहिए।

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माना जाता है कि होलाष्टक के दौरान वातावरण में नकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। अगर होलाष्टक में कोई भी व्यक्ति शुभ या मांगलिक कार्य करता है तो उसे कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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Why is Holashtak considered inauspicious होलाष्टक को क्यों माना जाता है अशुभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलाष्टक के दौरान आठ ग्रह उग्र अवस्था में रहते हैं। जिसमें कोई भी शुभ कार्य करने पर उसके अशुभ फल प्राप्त होते हैं। इसमें कोई शुभ या मांगलिक कार्य करने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। होलाष्टक के दौरान अष्टमी तिथि को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तो पूर्णिमा को राहु की ऊर्जा नकारात्मक रहती है। यही कारण है कि होली से पहले इन आठ दिनों में सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।

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