Edited By Prachi Sharma,Updated: 08 Mar, 2025 07:33 AM
भारत में होली और भाई दूज का पर्व विशेष महत्व रखता है। होली, रंगों का त्योहार, जहां सारे साथ में खुशी और रंग-बिरंगे पल बिताते हैं, वहीं भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाने का दिन होता है
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Holi Bhai Dooj 2025: भारत में होली और भाई दूज का पर्व विशेष महत्व रखता है। होली, रंगों का त्योहार, जहां सारे साथ में खुशी और रंग-बिरंगे पल बिताते हैं, वहीं भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाने का दिन होता है। हर वर्ष होली के दो बाद भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं और उसे तिलक कर आशीर्वाद लेते हैं। बहनें अपने भाई को तिलक करके उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं।

कब मनाया जाएगा भाई दूज
पंचांग के अनुसार चैत्र माह कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि की शुरुआत 15 मार्च को 2.33 मिनट पर होगी और अगले दिन 16 मार्च को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 16 मार्च को होली भाई दूज मनाई जाएगी।
भाई दूज का महत्व:
भाई दूज भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने और एक-दूसरे के प्रति प्रेम, स्नेह और आशीर्वाद का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और उन्हें अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं। यह पर्व विशेष रूप से भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करने का एक अनूठा अवसर है। विशेषकर हिन्दू धर्म में यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। भाई दूज के दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं, और वहां उसे तिलक करके बहन से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भाई दूज के दिन की पूजा विधि:
सबसे पहले भाई को एक स्थान पर बैठाकर तिलक करें। तिलक करने के लिए बहन कुमकुम या चंदन का लेप अपने भाई के माथे पर लगाएं।
बहन अपनी खुशहाली और लंबी उम्र की कामना करते हुए भाई से आशीर्वाद प्राप्त करती है। भाई इस दिन अपनी बहन को सुरक्षा का वचन देते हैं और उसे हमेशा अपने साथ रखने का वचन लेते हैं।
भाई दूज के दिन तिलक और पूजा की विधि का पालन नियमित रूप से करना चाहिए। इससे भाई-बहन के रिश्ते में मधुरता आती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।