Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Feb, 2024 11:43 AM
घर में जब भी कोई तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें को इस बात पर खास ध्यान दें की वे किस अवस्था में है और उसे घर में रखने से क्या प्रभाव होगा। मानव जीवन के लिए हर चित्र या प्रतिमा शुभ फलदायी
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How do you place Lakshmi Ganesh and Saraswati: घर में जब भी कोई तस्वीर या मूर्ति की स्थापना करें को इस बात पर खास ध्यान दें की वे किस अवस्था में है और उसे घर में रखने से क्या प्रभाव होगा। मानव जीवन के लिए हर चित्र या प्रतिमा शुभ फलदायी नहीं होती। तस्वीर स्थापना के पश्चात घर में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति की प्रार्थना की जाती है तथा इसके प्रभाव से जो भी प्राप्त हो उसका पूर्ण सुख भोगने की भी कृपा प्राप्त हो। इसके लिए आवश्यक है कि घर में पूजा घर होना चाहिए। जो कि घर में सकारात्मक ऊर्जा को प्रदान करने का एक केंद्र स्थान होता है। अगर इस ऊर्जा के केंद्र में हम कोई भी ऐसी तस्वीर या प्रतिमा की स्थापना करते हैं, जो सही न हो तो उसके पूर्ण प्रभाव की प्राप्ति नहीं हो पाती है। आज हम जानेंगे कि किस दिशा में किस देवी-देवता की तस्वीर या प्रतिमा को स्थान देना चाहिए ताकि उनसे प्राप्त कृपा का हम पूर्ण सदुपयोग कर पायें।
माता लक्ष्मी की तस्वीर: धन को प्रदान करने वाली माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर विराजमान अवस्था में होनी चाहिए। ज्योतिष व वास्तु के रचयिता महर्षि भृगु जी महाराज के सुल्तानपुर लोधी स्थित प्राचीन ग्रंथ श्री भृगु संहिता में स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है कि लक्ष्मी की सभी को स्थायी रूप प्राप्ति की इच्छा रहती है। अत: हमेशा घर व पूजा स्थान पर ऐसी तस्वीर की स्थापना करनी चाहिए जिसमें लक्ष्मी जी बैठी हुई अर्थात विराजमान अवस्था में हों ताकि आपके घर में धन रूपी लक्ष्मी जी का आगमन हो व उनका घर में स्थिर स्थायित्व हो सके।
सरस्वती जी की तस्वीर: जिन घरों में बच्चों को पढ़ाई से संबंधित समस्याएं आ रही हैं, उन्हें घर में माता सरस्वती जी की तस्वीर व प्रतिमा की स्थापना करनी चाहिए। जिसमें कि माता सरस्वती जी विराजमान अवस्था में हों ताकि घर में विद्या का आगमन हो। जो भी विद्यार्थी जिस भी सब्जेक्ट को पढ़ता है, उसे उस सबजेक्ट का ज्ञान पूरी तरह से हो व उसे याद भी रहे। ऐसा करने से विधार्थियों की याददाश्त भी बढ़ती है।
श्री गणेश जी की तस्वीर: श्री गणेश को हर प्रकार के सुखों को प्रदान करने वाला कहा गया है। गणेश जी की प्रतिमा जो कि अपनी दोनों पत्नियों के साथ बैठी हुई अवस्था में होनी चाहिए ताकि जो भी सुख आपको प्राप्त हों वह स्थायी रूप से आपके घर में रहें इसलिए विराजमान अवस्था की तस्वीर या प्रतिमा पूर्व दिशा में स्थापित करना श्रेष्ठ रहता है।
इसी के साथ-साथ अलग-अलग देवी-देवताओं की तस्वीर या प्रतिमा का प्रभाव जातको के ग्रहों की अनुकूलता के हिसाब से ही पड़ता है। जो किसी प्रबुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक से ही सलाह लें क्योंकि बिना ग्रहों की पूर्ण जानकारी के वास्तु कम्पलीट नहीं हो सकता। वास्तु विज्ञान जो कि ज्योतिष विज्ञान की भवनों के निर्माण संबंधित एक छोटी सी शाखा ही है।
Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)