Hoysaleshwara Mandir: कर्नाटक का होयसलेश्वर मंदिर, एक बार दर्शन करने से व्यक्ति हो जाता है मंत्रमुग्ध

Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Nov, 2024 05:00 AM

hoysaleshwara mandir

होयसलेश्वर भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है, जो कर्नाटक के हलेबिदु नामक स्थान पर स्थित है। यह बेलूर से 16 किलोमीटर दूर है

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Hoysaleshwara Mandir:  होयसलेश्वर भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है, जो कर्नाटक के हलेबिदु नामक स्थान पर स्थित है। यह बेलूर से 16 किलोमीटर दूर है। इसका निर्माण 12वीं सदी में राजा विष्णुवर्धन के काल में हुआ। इसमें 2 पवित्र स्थान हैं - एक होयसलेश्वर और दूसरा शंतालेश्वर। हलेबिदु कर्नाटक के पश्चिमी घाटों में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह स्थान होयसला साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और यहां स्थित होयसलेश्वर मंदिर इसकी सबसे प्रमुख विशेषताओं में से एक है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था और इसे हलेबिदु के सबसे उत्कृष्ट और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है।

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वास्तुकला
होयसलेश्वर मंदिर की वास्तुकला होयसला शैली की अद्भुत मिसाल है। इस मंदिर का निर्माण लाल-भूरे ग्रेनाइट से किया गया है, जो इसे एक विशेष सौंदर्य प्रदान करता है। मंदिर की संरचना में अनेक भव्य और जटिल नक्काशी देखी जा सकती है। इसके स्तंभ, दीवारें, और छत सभी पर कला का अद्भुत नमूना प्रस्तुत किया गया है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह भगवान शिव को समर्पित है, जो होयसलेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हैं। मंदिर में दो मुख्य गुम्बद हैं, जो एक-दूसरे के समांतर स्थित हैं। इनके चारों ओर अनेक छोटे-छोटे मंदिर हैं, जो अन्य देवताओं को समर्पित हैं।

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नक्काशी और सजावट
होयसलेश्वर मंदिर की दीवारों पर बारीक और जटिल नक्काशियां देखी जा सकती हैं, जो धार्मिक और पौराणिक कथाओं को दर्शाती हैं। यहां की नक्काशी में जैन और हिंदू देवी-देवताओं के चित्र, मिथक, और विविध जीव-जंतुओं का चित्रण किया गया है। इन नक्काशियों की विशेषता यह है कि इनमें उच्च गुणवत्ता की कलाकारी और विस्तार की बारीकी का समावेश है।

ऐतिहासिक महत्व
हलेबिदु का क्षेत्र होयसला साम्राज्य की राजधानी रहा है और यहां का होयसलेश्वर मंदिर साम्राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का प्रतीक है। यह मंदिर ना केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह कर्नाटक के इतिहास और संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंदिर का निर्माण महान सम्राट विश्णुवर्धन के समय में हुआ था, और इसके बाद के राजाओं ने भी इस मंदिर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह मंदिर उनके साम्राज्य की शक्ति और कला की उच्चतम उपलब्धियों को दर्शाता है।

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तीर्थ स्थान
होयसलेश्वर मंदिर को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में देखा जाता है। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं, विशेषकर शिवरात्रि के अवसर पर। इस समय मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और उत्सव का आयोजन किया जाता है। भक्तगण यहां आकर अपने दुखों को दूर करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं।

र्यटक आकर्षण
हलेबिदु का होयसलेश्वर मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। यहां आने वाले पर्यटक न केवल मंदिर की अद्भुत वास्तुकला और नक्काशी का आनंद लेते हैं बल्कि वे यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर को भी महसूस करते हैं। मंदिर के आसपास का क्षेत्र हरी-भरी पहाड़ियों और नदी घाटियों से घिरा हुआ है जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।

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