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विवाह में हो रहा है विलंब तो इस मंत्र का कर लें जाप, मिलेगा मनचाहा पार्टनर

Edited By Jyoti,Updated: 25 Sep, 2019 11:17 AM

if there is delay in marriage then chant this mantra

शादी करने की इच्छा किसके मन में नहीं होती, बल्कि इस इच्छा के मन में उजागर होते ही हर कोई तरह तरह के सपने सजाने लगता हैं। मगर इनमें से कई लोगों के सपने पूरे होने में कुछ ज्यादा ही

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शादी करने की इच्छा किसके मन में नहीं होती, बल्कि इस इच्छा के मन में उजागर होते ही हर कोई तरह तरह के सपने सजाने लगता हैं। मगर इनमें से कई लोगों के सपने पूरे होने में कुछ ज्यादा ही समय लग जाता है। परंतु ऐसा होता है क्यों ये कोई नहीं समझ पाता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक जातिका के विवाह में विलंब हो रहा है अथवा हर बार विवाह की बात चलने पर कोई न कोई बाधा उपस्थित हो जाती है, तो सप्तम भाव, सप्तमेश ग्रह संबंधी संयुक्त विचार करके तत् ग्रह संबंधी उपाय करने चाहिए। कुछ उपयोगी उपाय दिए जा रहे हैं, जिन्हें प्रयोग करके इसकी प्रभाव अनुभव किया जा सकता है।

PunjabKesari, Marriage, शादी

जिस कन्या के विवाह कार्य में बार-बार विघ्न-बाधाएं पड़ रही हों, उसको गुरु-पुष्य, रवि पुष्य, अक्षय तृतीया, श्रावण मास में, बसंत पंचमी अथवा नवरात्रों में निम्रलिखित मंत्र का पाठ आरंभ करके यथेष्ठ संख्या में 51 हजार अथवा सवा लाख की सं या में नियमित रूप में शिव-पार्वती अथवा माता के मंदिर में धूप, दीप जलाकर पीले एवं लाल पुष्प चढ़ाकर सुनिश्चित समय में नियमित रूप से संकल्पपूर्वक एवं विधिवत जप करना चाहिए। इससे देवी की कृपा से अवश्य कामना सिद्धि होती है-

ह्रीं गौर्य नम :
है गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरू कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।।

(हे गौरि, शंकर की अद्र्धांगिनी! जिस प्रकार तुम शंकर की प्रिया हो, उसी प्रकार हे कल्याणी! मुझ कन्या  को दुर्लभ वर प्रदान करो।)

जिन लड़कों के विवाह में विलंब हो रहा हो अथवा मनोवांछित स्त्री से विवाह हेतु निम्र मंत्र की प्रात: काल शुद्ध होकर दुर्गाजी के चित्र या मूर्ति पर लाल पुष्प समॢपत करें। दीप प्रज्जवलित करके षोडशोपचार पूजन करें तथा नि न मंत्र को कम-से-कम 5 माला प्रतिदिन जप करें। साथ ही दुर्गासप्तशती का इसी मंत्र से संपुट करके 18 पाठ करना या कराना चाहिए।

PunjabKesari, Lord Shiva, Shiv, Parvati

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्भवाम।। (दुर्गा सप्त 24)

शीघ्र विवाह के लिए शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को भगवान शंकर का व्रत रखें और श्वेतार्क के वृक्ष के समीप धूप-दीप का जल अॢपत करें और हाथ धोकर 8 पत्ते तोड़कर लाएं। 7 पत्तों की पत्तल बनाएं और 8वें पत्ते पर अपना नाम लिखकर भगवान शंकर को अर्पित करें। जब तक वैवाहिक संबंध न बन जाए, प्रत्येक सोमवार को यह क्रिया करें।

जिस युवक के विवाह में विलंब हो रहा हो, वह 21 मंगलवार को संध्या समय किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर उनके माथे से थोड़ा-सा सिंदूर लेकर उसी मंदिर में राम-सीता की मूर्ति के चरणों में लगा दें और शीघ्र विवाह के लिए उनसे निवेदन करे।

पूर्णिमा को वटवृक्ष की 108 परिक्रमा करने वाली कन्या का विवाह शीघ्र होता है।

PunjabKesari, Poornima, पूर्णिमा

 

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