Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Apr, 2024 08:25 AM
अक्सर घरों में आपने देखा होगा पूजा स्थल पर जल का लोटा रखा रहता है। जिस तरह इंसान खाना खाने के बाद पानी पीता है। ठीक उसी तरह ये जल इस बात का प्रतीक है कि आप भगवान को भोग अर्पित करने के
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Importance of Water in Pooja Room: अक्सर घरों में आपने देखा होगा पूजा स्थल पर जल का लोटा रखा रहता है। जिस तरह इंसान खाना खाने के बाद पानी पीता है। ठीक उसी तरह ये जल इस बात का प्रतीक है कि आप भगवान को भोग अर्पित करने के साथ जल भी अर्पित कर रहे हैं। जिससे वो भोग के साथ जल भी ग्रहण कर सकें। दरअसल यह बात हमारे शास्त्रों में भी लिखी है कि पूजा के स्थान पर हमेशा जल का लोटा रखने से घर में समृद्धि बनी रहती है। यदि आप पूजा के स्थान और तांबे के बर्तन में जल रखते हैं तो यह ज्यादा शुभ माना जाता है।लोगों की मान्यता यह भी है कि पूजा स्थान पर जल रखने से व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है और घर में ऊर्जा का संचार होता है लेकिन इसके अलावा पूजा घर में रखी जल में सकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है और घर में इसके प्रयोग से चमत्कारी परिणाम देखने को मिलते हैं। पूजा घर में जल रखना क्यों ज़रूरी है और इससे होने वाले चमत्कारी उपाय तो आईए जानते हैं-
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सबसे पहले आपको बता दें, हमारे शास्त्रों में भी इस बात का वर्णन है कि पूजा के स्थान पर हमेशा जल का लोटा रखने से घर में समृद्धि बनी रहती है। यदि आप पूजा के स्थान और तांबे के बर्तन में जल रखते हैं तो यह ज्यादा शुभ माना जाता है।
इसके अलावा ये भी माना जाता है कि पूजा स्थान पर जल रखने से व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
![PunjabKesari Water in Pooja Room](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_03_125696778water-in-puja-room-2.jpg)
ज्योतिष के अनुसार पूजा घर में नियमित रूप से पूजा पाठ होता है। जिस वजह से इन सबका असर पानी में होता जाता है और इस जल से घर में छिड़काव करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। ये ही वजह है धार्मिक स्थलों के जल को अमृत माना जाता है। इस जल को नियमित रूप से बदलते रहें। जल रखने के लिए तांबे का बर्तन सबसे ज्यादा शुभ होता है। पानी से भरे तांबे के बर्तन को रखना घर की प्रगति के लिए शुभ माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि जब भी पूजा के बाद आरती समाप्त होती है। तब उसका आचमन जल से ही किया जाता है। ऐसा करने का कारण यह है कि जल की पूजा वरुण देव के रूप में होती है और वही दुनिया की हर एक वस्तु की रक्षा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार कोई भी पूजा-आरती बिना आचमन के अधूरी मानी जाती है इसीलिए मंदिर में जल का लोटा रखा जाता है। जिससे आरती संपन्न होने के बाद जल से आचमन किया जा सके। पूजा छोड़कर बीच में न जाना पड़े और वहां रखे जल से ही पूजा संपन्न हो सके।
![PunjabKesari Water in Pooja Room](https://static.punjabkesari.in/multimedia/06_41_500060538jal.jpg)
ऐसी मान्यता है कि यदि आप पूजा घर में रखे जल में तुलसी की कुछ पत्तियां डालकर रखती हैं तो यह जल और ज्यादा पवित्र हो जाता है। यह जल किसी पवित्र नदी का जल भी हो सकता है। जो पूजा स्थल को शुद्ध रख सकता है।
मान्यता है पूजा के स्थान पर रखे हुए जल की ओर सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है और यह आपके आस-पास के माहौल में ऊर्जा का संचार करती है। जो मन को शांत करने में मदद करती है। इसके अलावा इस जल में पवित्र नदियों का जल भी मिलाना शुभ माना जाता है।
![PunjabKesari Water in Pooja Room](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_03_054289953water-in-puja-room-1.jpg)