Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Jul, 2024 11:58 AM
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अमरीका के पश्चिमी किनारे पर समुद्र में जहाज तेज गति से चला जा रहा था। तभी तूफान आ गया और जहाज के एक हिस्से के टूट जाने से उसमें बैठे अनेक कर्मचारी समुद्र
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अमरीका के पश्चिमी किनारे पर समुद्र में जहाज तेज गति से चला जा रहा था। तभी तूफान आ गया और जहाज के एक हिस्से के टूट जाने से उसमें बैठे अनेक कर्मचारी समुद्र में डूबने लगे। जो अच्छी तरह तैरना जानते थे उनके प्राण बचने की तो कुछ आशा भी की जा सकती थी, पर जिन्होंने अभी हाथ-पैर चलाना ही सीखा था वे समुद्र में तैरकर किनारे तक आ सकेंगे, यह किसी को विश्वास न था।
उस जहाज पर एक अश्वेत गुलाम भी था। वह तुरन्त समुद्र में कूद पड़ा। एक बार उसके मन में आया कि क्यों अपने जीवन को जानबूझ कर इस संकट में डाला जाए, पर तुरन्त ही उसका विवेक बोल उठा, “यदि दूसरों की सहायता करने के प्रयास में अपने जीवन को भी खतरे में डालना पड़े तो कोई हर्ज नहीं। मनुष्य यदि अपने साथियों के संकट में सहयोगी न बन सके तो फिर क्या पशु-पक्षी उनकी सहायता करने आएंगे ?”
अपनी असाधारण कोशिशों से वह 5 लोगों को बचाने में सफल हो गया। अब उसका शरीर थककर चूर-चूर होने लगा था। हाथ-पांव काम नहीं कर रहे थे, फिर भी उसमें साहस की किरणें अब भी बची थीं।
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छठी बार वह कूदना चाहता ही था कि जहाज का कप्तान बोल उठा, “भाई, तुमने कमाल कर दिया। जाओ, अब तुम मुक्त हुए।”
इस पर गुलाम बोला, “मेरी मुक्ति को अभी थोड़ी देर और प्रतीक्षा कर लेने दो, तब तक मैं एक व्यक्ति की और जान बचाता हूं।”
इतना कहकर वह गुलाम फिर पानी में कूद गया। जहाज पर सब उसके साहस को हैरत से देखते रहे।
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