Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Nov, 2024 11:53 AM
अगर तुम श्रवण कुमार की मां बनना चाहती हो तो पहले अपने पति को श्रवण कुमार बनाकर उसको मां-बाप का आज्ञाकारी बनाना एवं बनना, ताकि तुम्हें देख कर तुम्हारा बच्चा भी श्रवण कुमार जैसे संस्कार ग्रहण कर सके।
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Inspirational Context: अगर तुम श्रवण कुमार की मां बनना चाहती हो तो पहले अपने पति को श्रवण कुमार बनाकर उसको मां-बाप का आज्ञाकारी बनाना एवं बनना, ताकि तुम्हें देख कर तुम्हारा बच्चा भी श्रवण कुमार जैसे संस्कार ग्रहण कर सके।
बचपन में जिस मां-बाप ने तुमको पाला, उनके बुढ़ापे में यदि तुमने उनको नहीं संभाला तो तुम्हारे भाग्य में ऐसी ज्वाला भड़केगी कि तुमको कहीं का नहीं छोड़ेगी।
पत्नी पसंद की मिल सकती है पर मां-बाप पुण्य से ही मिलते हैं। पसंद से मिलने वाली के लिए पुण्य से मिलने वालों को मत ठुकरा देना। यदि ठुकराया तो तेरा पुण्य तेरे से रूठ जाएगा व तुझे दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देगा। ऐसे में भविष्य में तेरी औलाद भी तुझे छोड़ देगी।
घर में वृद्ध मां-बाप से बोले नहीं, उनको संभाले नहीं और वृद्धाश्रम व जीवदया में दान करे, ऐसे व्यक्ति को दयालु कहना दयालु का अपमान है।
दो किलो का वजन उठाने से तुम्हारे हाथ दुख जाते हैं। मां को सताने से पहले सोचो कि उसने तुम्हें 9 महीनों तक पेट में कैसे उठाया होगा।
बचपन में तेरे मां-बाप तुझे उंगली पकड़कर स्कूल ले जाते थे। उनके बुढ़ापे में उनका सहारा बनकर धार्मिक स्थान जरूर ले जाना, शायद तेरा थोड़ा कर्ज पूरा हो।
मां-बाप को सोने से न मढ़ो चलेगा, हीरे से न जड़ो चलेगा, पर उनका कलेजा जले और वे अंदर से आंसू बहाएं, यह नहीं चलेगा। ऐसी बद्दुआ मत लेना।
जिनके जन्म पर मां-बाप ने हंसी-खुशी से पेड़े बांटे, वही बेटे जवान होकर मां-बाप को बांटें, हाय यह कैसी करूणा, कैसी दया, कैसी विडम्बना।