Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Feb, 2025 11:01 AM
एक गांव में महान ऋषि रहते थे। एक दिन एक व्यक्ति ऋषि के पास आया। उसने पूछा, मैं यह जानना चाहता हूं कि हमेशा आनंद से रहने का राज क्या है ? ऋषि ने उससे कहा, तुम मेरे साथ जंगल में चलो, मैं यह राज बताता हूं।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Story: एक गांव में महान ऋषि रहते थे। एक दिन एक व्यक्ति ऋषि के पास आया। उसने पूछा, मैं यह जानना चाहता हूं कि हमेशा आनंद से रहने का राज क्या है ? ऋषि ने उससे कहा, तुम मेरे साथ जंगल में चलो, मैं यह राज बताता हूं।
ऐसा कहकर ऋषि और वह व्यक्ति जंगल की तरफ चलने लगे। रास्ते में ऋषि ने एक बड़ा सा पत्थर उठाया और उस व्यक्ति को पकड़ा दिया। वह पत्थर उठाकर ऋषि के साथ जंगल की तरफ चलने लगा। कुछ समय बाद उसके हाथ में दर्द होने लगा किन्तु वह चुपचाप चलता रहा।
जब दर्द सहा नहीं गया तो उसने ऋषि को बताया। तो ऋषि ने पत्थर को नीचे रखने को कहा। पत्थर को रखने पर उस व्यक्ति को बड़ी राहत महसूस हुई। ऋषि ने कहा-यही है प्रसन्न रहने का राज।
व्यक्ति ने कहा गुरुवर मैं समझा नहीं। तो ऋषि ने कहा-जिस तरह इस पत्थर को एक मिनट तक हाथ में रखने पर थोड़ा सा कष्ट होता है, अगर इसे और ज्यादा समय तक उठाए रखेंगे तो दर्द बढ़ता जाएगा। उसी तरह दुखों के बोझ को जितने ज्यादा समय तक उठाए रखेंगे, उतने ही ज्यादा हम दुखी और निराश रहेंगे।
यह हम पर निर्भर करता है कि हम दुखों के बोझ को एक मिनट तक उठाए रखते हैं या जिंदगी भर।
अगर तुम खुश रहना चाहते हो तो दुखों के भार को शीघ्र नीचे रखना सीख लो और हो सके तो उसे उठाओ ही नहीं। यह सुनकर व्यक्ति संतुष्ट हो गया।