Edited By Sarita Thapa,Updated: 02 Apr, 2025 04:06 PM
Inspirational Context: एक बहुत ही लालची और स्वार्थी वैद्य था। उसके इसी स्वभाव के कारण लोग उससे इलाज कराने नहीं आते थे। इसी निराशा में एक दिन वैद्य एक पेड़ के नीचे आकर बैठ गया।
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Inspirational Context: एक बहुत ही लालची और स्वार्थी वैद्य था। उसके इसी स्वभाव के कारण लोग उससे इलाज कराने नहीं आते थे। इसी निराशा में एक दिन वैद्य एक पेड़ के नीचे आकर बैठ गया। तभी उसकी नजर पेड़ के ‘कोटर’ (खोखला भाग) में गई। उसने देखा कि वहां एक सांप सो रहा है। उसने सोचा, यदि यह सांप किसी को डस ले तो वह जरूर मेरे पास इलाज कराने आएगा और मैं उससे खूब पैसे वसूलूंगा।
वहां पास में एक छोटा लड़का खेल रहा था। वैद्य उसके पास आकर बोला, “उस पेड़ के ‘कोटर’ में एक सुंदर मैना सो रही है। तुम चाहो तो उसे पकड़ कर पिंजरे में रख सकते हो।”
लड़का चहक कर बोला, “मैं इस मैना को पालूंगा।” वैद्य उस लड़के को साथ लेकर वृक्ष के पास गया और ‘कोटर’ की ओर संकेत कर बोला, “मैना इसके अंदर है। हाथ डालकर निकाल लो।”
लड़के ने कोटर में हाथ डाला। हाथ बाहर निकालने पर उसने देखा कि उसके हाथ में मैना नहीं बल्कि सांप है। वह बुरी तरह से
डर गया। उसने सांप को तत्काल फैंक दिया। सांप वैद्य के सिर पर जाकर गिरा और उसके गले से लिपट गया। वैद्य ने सांप को गले से निकालने के बहुत प्रयास किए किंतु नाकाम रहा और आखिरकार सांप ने उसे डस लिया। सांप जहरीला नहीं था पर डर के मारे वैद्य बेहोश हो गया। लड़का दौड़कर गांव वालों को बुला लाया। लोगों ने उपचार किया। वैद्य को होश आ गया। वह अपनी करनी पर बहुत पछता रहा था।