Edited By Sarita Thapa,Updated: 19 Apr, 2025 12:10 PM
Inspirational Context: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के घर पर एक अधेड़ उम्र का नौकर था। वह रोज देर से सोकर उठता था। उसकी इस आदत के कारण घर के लोग परेशान थे और उन्होंने नौकर की शिकायत जाकिर हुसैन से कर दी।
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Inspirational Context: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के घर पर एक अधेड़ उम्र का नौकर था। वह रोज देर से सोकर उठता था। उसकी इस आदत के कारण घर के लोग परेशान थे और उन्होंने नौकर की शिकायत जाकिर हुसैन से कर दी। इसके जवाब में जाकिर ने केवल यही कहा, “उसे समझाओ।” सबने उसे समझाया, इसके बावजूद उस पर कोई असर न हुआ। घर के लोगों ने जाकिर से निवेदन किया, “अब आप ही समझाकर देखिए उस नौकर को।”
अगले दिन सवेरे जाकिर उठे। एक लोटा पानी भरकर नौकर के सिर के पास जाकर खड़े हो गए। नौकर अभी तक गहरी नींद में था। वह उसे धीरे से उठाते हुए बोले, “उठिए जनाब! जागिए! सवेरा हो गया। मुंह-हाथ धो लीजिए। मैं अभी आपके लिए चाय और स्नान के पानी का इंतजाम करता हूं।” इतना कह कर वह चले गए। इधर नौकर परेशान हो गया कि यह हो क्या रहा है?
वह अभी बैठा-बैठा यह सोच ही रहा था तभी जाकिर साहब चाय लेकर आते दिखाई दिए। वह आकर बोले, “जनाब, लीजिए चाय पीकर स्नान करने चलिए।” नौकर बहुत घबराया। क्षमा मांगते हुए बोला, “मुझे माफ करें, आज के बाद मेरे देर तक सोकर उठने की शिकायत किसी को नहीं होगी। इस पर जाकिर साहब मुस्कुरा दिए।
अगले दिन सभी घर वालों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा कि वह नौकर सबसे पहले उठकर घर का सारा काम कर रहा था। जाकिर ने घर के लोगों को समझाया कि व्यक्ति के आचरण में छिपी विनम्रता का कमाल यही है कि वह सामने वाले व्यक्ति पर बेहद सरलता के साथ अपना प्रभाव डाल देता है। अतः समाज में अपने व्यवहार द्वारा प्रभाव पैदा करना है तो जीवन में विनम्रता को स्थान दें।