Edited By Sarita Thapa,Updated: 19 Jan, 2025 09:14 AM
Inspirational Story: तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक दिन अपने सरकारी निवास के बगीचे में लगे पेड़-पौधों के बीच से गुजरते हुए रास्ते पर टहल रहे थे।
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Inspirational Story: तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक दिन अपने सरकारी निवास के बगीचे में लगे पेड़-पौधों के बीच से गुजरते हुए रास्ते पर टहल रहे थे। उनका ध्यान पेड़-पौधों पर था। वह उन पर छाई बहार देखकर खुश हो ही रहे थे कि तभी उन्हें एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी।
नेहरू ने आसपास देखा तो उन्हें वह छोटा बच्चा दिखाई दिया जो दहाड़ मारकर रो रहा था। उन्होंने मन ही मन सोचा-इसकी मां कहां होगी? उन्होंने इधर-उधर देखा पर वह कहीं भी नजर नहीं आ रही थी।
पंडित जी ने सोचा शायद वह बगीचे में ही कहीं माली के साथ काम कर रही होगी। जब वह यह सोच ही रहे थे कि बच्चे ने रोना तेज कर दिया। इस पर उन्होंने उस बच्चे की मां की भूमिका निभाने का मन बना लिया। नेहरू जी ने बच्चे को उठाकर अपनी बांहों में लेकर उसे थपकियां दीं, झुलाया, तो बच्चा चुप हो गया और मुस्कुराने लगा। बच्चे को मुस्कुराते देख चाचा नेहरू भी खुश हो गए और बच्चे के साथ खेलने लगे।
जब बच्चे की मां वहां पहुंची तो उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। उसका बच्चा नेहरू जी की गोद में मंद-मंद मुस्कुरा रहा था।