Edited By Sarita Thapa,Updated: 24 Jan, 2025 12:49 PM
Inspirational Story: एक राजा का इकलौता बेटा कई बुरी आदतों से घिर गया था। परेशान राजा अपने गुरु जी के पास गए और उन्हें अपनी तकलीफ सुनाई।
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Inspirational Story: एक राजा का इकलौता बेटा कई बुरी आदतों से घिर गया था। परेशान राजा अपने गुरु जी के पास गए और उन्हें अपनी तकलीफ सुनाई। गुरु ने कुछ सोचने के बाद कहा, “उसे मेरे पास भेज दो।” राजा ने लड़के को गुरुजी के पास भेज दिया। गुरु जी ने उसका स्वागत किया और फिर उसे साथ लेकर एक बाग में गए।
वहां उन्होंने उसे विभिन्न प्रकार के पौधे दिखाए। उनमें एक पौधा 1 फुट का था, दूसरा 3 फुट का, तीसरा 6 फुट का और चौथा 12 फुट का था।
गुरु जी ने कहा, “पहले पौधे को उखाड़कर दिखाओ।” लड़के ने उस पौधे को पकड़ कर सहज ही उखाड़ दिया। गुरु जी बोले, “अब तुम दूसरे पौधे को उखाड़कर दिखाओ।” लड़के ने उस पौधे को भी जोर लगाकर उखाड़ दिया।
गुरु जी ने फिर कहा, “वाह, अब तीसरे को भी उखाड़ दो। लड़के ने पहले दोनों पौधों को एक ही हाथ से उखाड़ डाला था किंतु अब तीसरे पौधे को उखाड़ने में उसे दोनों हाथों से भी काफी खींचतान करनी पड़ी।
गुरु जी ने उसकी पीठ थपथपाकर कहा, “शाबाश, अब चौथे पौधे को भी उखाड़ लाओ।” लड़के ने पौधे को दोनों हाथों से पकड़ा काफी जोर लगाया, पर वह नहीं उखड़ा।
लड़का बोला, “यह मुझसे नहीं उखड़ेगा।” तब गुरु जी ने समझाकर कहा, “बेटे, जब हम किसी बुरी आदत में पड़ते हैं तो शुरू में तो उसे दूर करना आसान होता है, लेकिन जब हम उस आदत को नहीं छोड़ते तो उसकी जड़ें बहुत गहरी हो जाती हैं, फिर उसे उखाड़ना मुश्किल हो जाता है।” लड़का समझ गया। उस दिन से उसने बुरी आदतें छोड़ दीं।