Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Feb, 2025 09:47 AM

एक बार जयप्रकाश नारायण से मिलने उनका एक जापानी मित्र आया। वह अपने उस मित्र को लेकर उत्तर प्रदेश की यात्रा पर जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने अपने मित्र को भारत की संस्कृति
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Inspirational Story: एक बार जयप्रकाश नारायण से मिलने उनका एक जापानी मित्र आया। वह अपने उस मित्र को लेकर उत्तर प्रदेश की यात्रा पर जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने अपने मित्र को भारत की संस्कृति एवं राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में विस्तार से बताया। जापानी मित्र भारत की संस्कृति से प्रभावित था, उसने बहुत कुछ सुन रखा था। जयप्रकाश देश की सांस्कृतिक और भौगोलिक संपन्नता पर भी बात कर रहे थे।

यात्रा के दौरान जापानी मित्र ने कई स्थानों पर लोगों को यूं ही बैठे हुए बातें करते हुए आपस में हंसी-मजाक करते हुए देखा। जब उसने हर तरफ ऐसे ही दृश्य देखे तो जयप्रकाश से थोड़े मजाकिया लहजे में कहा, “तुम्हारा भारत तो बड़ा अमीर देश लगता है।”
जयप्रकाश जी ने कहा, “मित्र व्यंग्य क्यों कर रहे हो? यहां चारों ओर अभाव और गरीबी फैली है। तुम्हें अमीरी कहां दिख गई ?”
जापानी मित्र ने कहा, “देखो, यहां कितने लोग खाली बैठे हैं, सब हंसी-मजाक कर रहे हैं बातें कर रहे हैं। जापान में कोई भी इस तरह बैठा नहीं मिलेगा। तुम्हारे देश में घोर गरीबी है, फिर भी यहां लोग खाली बैठे आपस में बातें करते रहते हैं। यह निकम्मापन या तो समृद्ध देशों में होता है या कमजोर शासन-व्यवस्था में।”

जयप्रकाश नारायण ने मित्र की बात सुनकर कहा, “यही हमारे देश की संस्कृति की विशेषता है। यहां के लोग मुश्किल हालात में भी खुशियां तलाश लेते हैं। ये आपस में सुख-दुख बांट लेते हैं और मिलकर समस्याओं का समाधान भी कर लेते हैं। जिसे तुम उनका निकम्मापन मान रहे हो, वही विशेषता इन्हें एक-दूसरे से जोड़े रहती है।” यह सुनकर जापानी मित्र से जवाब देते न बना।
