Edited By Sarita Thapa,Updated: 15 Feb, 2025 03:19 PM

Inspirational Story: एक व्यक्ति भीख मांगकर गुजारा करता था। उसका वृद्ध शरीर इतना कमजोर हो चुका था कि उसकी एक-एक हड्डी गिनी जा सकती थी।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Story: एक व्यक्ति भीख मांगकर गुजारा करता था। उसका वृद्ध शरीर इतना कमजोर हो चुका था कि उसकी एक-एक हड्डी गिनी जा सकती थी। उसकी आंखों की ज्योति लगभग जा चुकी थी और शरीर रोग से पीड़ित हो गया था। एक युवक रोज उस भिखारी को देखता। उसे देखकर युवक के मन में घृणा और दया के भाव एक साथ उमड़ते थे।
वह सोचता, ‘इसके जीने का क्या फायदा? जीवन से इसे इतना लगाव क्यों है? ईश्वर इसे मुक्ति क्यों नहीं दे देते?’
एक दिन जब उससे नहीं रहा गया, तो वह भिखारी के पास जाकर बोला, ‘‘बाबा तुम्हारी इतनी बुरी हालत है, फिर भी तुम जीना चाहते हो और भीख मांगते हो। तुम ईश्वर से यह प्रार्थना क्यों नहीं करते कि वह तुम्हें इस नारकीय जीवन से मुक्त कर दें।’’
इस पर भिखारी बोला, ‘‘बेटा, जो तुम कह रहे हो वही बात मेरे मन में भी उठती है। मैं ईश्वर से बार-बार यही प्रार्थना करता हूं। पर वह मेरी सुनता ही नहीं।
शायद वह चाहता है कि मैं इसी धरती पर बना रहूं ताकि दुनिया वाले मुझे देखें और समझें कि एक दिन मैं उन्हीं की तरह था, लेकिन कभी वह दिन भी आ सकता है जब किसी कारणवश वे भी मेरी ही तरह हो जाएं। इसलिए किसी को भी अपने ऊपर किसी भी तरह का अभिमान नहीं करना चाहिए। इंसान की जिंदगी में सब दिन हमेशा एक से नहीं रहते।’’
युवक भिखारी के शब्दों में छिपी सीख को समझ गया। इसके बाद जीवन भर उसने फिर किसी के जीवन को तुच्छ समझने की गलती नहीं की।