Edited By Prachi Sharma,Updated: 12 Mar, 2025 04:00 AM

एक राजा शिकार करने के लिए निकला। महल के दरवाजे पर ही उसका नाई सामने आ गया। बेचारे नाई की एक आंख चेचक के कारण चली गई थी।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Story: एक राजा शिकार करने के लिए निकला। महल के दरवाजे पर ही उसका नाई सामने आ गया। बेचारे नाई की एक आंख चेचक के कारण चली गई थी। राजा ने इसे अपशकुन समझा और अपने सिपाहियों को उसे चार कोड़े मारने का आदेश दे दिया कि वह सुबह-सुबह राजा के सामने क्यों आ गया ?
संयोग से वह दिन राजा के शिकार के लिए बहुत अच्छा रहा और अच्छे शिकार उसके हाथ लगे। प्रसन्न होकर राजा जब शिकार से वापस आया तो उसे नाई की याद आई और उसने नाई को बुलाकर उससे क्षमा मांगी कि उसने एकदम से उसे अपशकुनी समझ लिया, जबकि उसके लिए पूरा दिन बेहद भाग्यशाली रहा। इस पर नाई ने कहा कि आपका दिन अच्छा रहा होगा महाराज लेकिन मेरा दिन तो बहुत बुरा गुजरा।
सुबह-सुबह आपके सिपाहियों से चार कोड़े खाए, दिन भर भूखा रहा और अभी खाना खाने जा रहा था कि आप ने बुला लिया। इस पर राजा बहुत शर्मिंदा हुआ और उसने नाई को अच्छा भोजन कराकर उचित पुरस्कारों के साथ वापस भेजा। अत: किसी व्यक्ति को अशुभ मानना ठीक नहीं।