Edited By Sarita Thapa,Updated: 03 Apr, 2025 12:39 PM
Inspirational Story: एक बार एक सेठ धार्मिक स्थान से लौट रहा था। रास्ते में उसे एक भिखारी मिला जो काफी युवा और हृष्टपुष्ट था। उसने सेठ से भीख मांगी।
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Inspirational Story: एक बार एक सेठ धार्मिक स्थान से लौट रहा था। रास्ते में उसे एक भिखारी मिला जो काफी युवा और हृष्टपुष्ट था। उसने सेठ से भीख मांगी। सेठ ने चुपचाप जेब से एक चांदी का सिक्का निकाला और उसे दूर झाड़ियों में फैंक दिया। भिखारी उस ओर लपका और थोड़ी देर की मेहनत के बाद सिक्का खोजने में कामयाब हो गया। अगले दिन फिर से सेठ जब पूजा करके लौट रहा था तो फिर उसने उससे भीख मांगी।
इस बार भी सेठ ने सिक्का निकाला और एक गड्ढे में फैंक दिया, जिसमें गंदा पानी भरा था। भिखारी गड्ढे में उतर गया और सिक्का खोजकर ही दम लिया। अगले दिन फिर यही हुआ, इस बार अमीर ने सिक्का वहीं पास बहते एक नाले में फैंका। भिखारी सिक्का खोज लाया और सेठ के पास आकर बोला कि यह आपकी दयालुता है कि आप मुझे रोज एक सिक्का दे रहे हैं। परन्तु मैं यह नहीं समझ पाया कि आप मुझे सीधे हाथ में भीख देने की बजाय इधर-उधर क्यों फैंकते हैं?
इस पर सेठ बोला कि मैं तुम्हें यह समझाना चाहता हूं कि जितनी मेहनत तुम इस एक सिक्के को खोजने में करते हो, उतनी मेहनत अगर किसी काम में करो तो ऐसे कई सिक्के कमा सकते हो। सुनकर भिखारी की आंखें खुल गईं और उसने अमीर से वादा किया कि आगे से वह सिर्फ अपनी मेहनत से ही कमाकर खाएगा। अमीर ने उसे अपने यहां काम पर रख लिया।