International Geeta Mahotsav: संस्कृति को संरक्षित कर रहा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव

Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Dec, 2024 07:02 AM

international geeta mahotsav

हरियाणा की लोक कला और संस्कृति की लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी कई विधाओं को संरक्षित करने का काम अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कर रहा है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

 कुरुक्षेत्र (ब्यूरो): हरियाणा की लोक कला और संस्कृति की लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी कई विधाओं को संरक्षित करने का काम अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कर रहा है। इस महोत्सव में ढेरु गायन गाथा, बाजीगर कला और कच्ची घोड़ी जैसी लोक कलाओं को ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर देखा जा रहा है। इस महोत्सव से न केवल लोक संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास सरकार की तरफ से किया जा रहा है बल्कि लोक कलाकारों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवाएं जा रहे है। 

अहम पहलू यह है कि उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला, हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा कला परिषद और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के साथ-साथ राज्य सरकार की तरफ से हरियाणा ही नहीं विभिन्न प्रदेशों की लोक संस्कृति को संरक्षित करने और कलाकारों को एक मंच मुहैया करवाने का काम अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के जरिए किया जा रहा है। लोक कलाकार ने बातचीत दौरान इस बात का खुलासा किया कि हरियाणा में कुछ ही कलाकार बचे हैं जो बीन, तुंबा, ढोलक, खंजरी बजाकर जोगी नाथ बीन सपेरा परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। 

गीता जयंती समारोह के अवसर पर 5 से 11 दिसम्बर तक दोपहर 2 से सायं 5 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा।
 

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!