Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Oct, 2023 09:25 AM
विश्वभर में हिमाचल देव भूमि के नाम से प्रचलित है। यहां की पवित्र भूमि पर बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। इसी के साथ बता दें कि त्योहारों के मौसम की शुरुआत के साथ देवभूमि
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International Kullu Dussehra: विश्वभर में हिमाचल देव भूमि के नाम से प्रचलित है। यहां की पवित्र भूमि पर बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। इसी के साथ बता दें कि त्योहारों के मौसम की शुरुआत के साथ देवभूमि कुल्लू में देश-दुनिया के सबसे बड़े देव समागम अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज 24 अक्टूबर मंगलवार से हो चुका है। यह समागम पूरे 7 दिनों तक चलेगा। कमेटी ने इस समागम के लिए करीब 305 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा। इस दौरान बहुत से देवी-देवता ढोल-नगाड़ों के साथ भगवान रघुनाथ जी से मिलने पहुंचे। ढोल-नगाड़ों और जयघोष के साथ मानों ऐसा लग रहा था जैसे कि भगवान स्वयं भक्तों के बीच आ गए हों। इस भव्य देवमिलन को देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। देशी ही नहीं बल्कि विदेशी लोग भी इस देवमिलन को देखने के लिए काफी उत्साहित थे।
इस दिन तक चलेगा कुल्लू में देव समागम
सात दिवसीय इस कुल्लू दशहरे का समापन 30 अक्टूबर को होगा। अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के लिए कुल्लू का बाजार दुल्हन की तरह सज कर तैयार हो चुका है। भारी संख्या में लोग इस नजारे को देखने के लिए उमड़ रहे हैं।
भगवान रघुनाथ के मंदिर में देवी-देवताओं ने नवाजा शीश
सोमवार को ढालपुर स्थित अस्थायी शिविरों में देवी-देवता पहुंचे और मंगलवार की सुबह उनकी पूजा-अर्चना की गई। उसके बाद मंगलवार सुबह से लेकर करीब तीन बजे तक भगवान रघुनाथ जी के मंदिर में देवी-देवताओं का शीश नवाजने का सिलसिला चलता रहा। मंदिर में हाजिरी लगाने के बाद सारे देवता अपनी शिविरों में लौट गए। हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेकर अपने जीवन को सफल बनाया।
पहली बार 14 देशों के सांस्कृतिक दल दिखाएंगे अपना प्रदर्शन
इस बार अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे की चमक में चार चांद लगाने के लिए 14 देशों के सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुतियां देंगे। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि दशहरा में पहली बार मलेशिया, रूस, साउथ अफ्रीका, कजाकिस्तान, रोमानिया, वियतनाम, केन्या, श्रीलंका, ताइवान, किरगीस्तान, इराक और अमेरिका के सांस्कृतिक दल प्रस्तुति देंगे। वहीं अंतिम संध्या के समय लोक कलाकार रमेश ठाकुर, कुशल वर्मा, लाल सिंह, खुशबू भारद्वाज, ट्विंकल अपनी कला द्वारा लोगों के मनोरंजन में बढ़ावा करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में 32 साल बाद पहुंचे भगवान कार्तिक स्वामी
वर्ष 2023 में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में लगभग 32 साल बाद भगवान कार्तिक स्वामी पहुंचे। कार्तिक स्वामी सिमसा के कारदार युवराज ठाकुर ने बताया कि 32 साल बाद उनके आराध्य के आने से देवलुओं में उत्साह का माहौल बना हुआ है। बता दें कि हर साल 300 से ज्यादा देवी-देवता इस दशहरे में पहुंचते हैं।
यहां नहीं जलाया जाता रावण का पुतला
देश भर में जहां नवरात्रि के दौरान रामलीला का आयोजन किया जाता है। वहीं कुल्लू में दशहरा उत्सव के लिए न तो रामलीला होती है न ही कोई रावण का पुतला जलाया जाता है। विजयदशमी के दिन से अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आरंभ होता है और भगवान रघुनाथ जी की रथ यात्रा के साथ ढालपुर मैदान में इस मेले का आयोजन किया जाता है। इसे देवी-देवताओं का वार्षिक सम्मेलन के नाम से भी जाना जाता है।