Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Oct, 2023 07:15 AM
अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के बाद रघुनाथ जी सिया और लखन सहित रघुनाथपुर को लौट आए। रघुनाथ जी की भव्य रथयात्रा में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इसके बाद
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कुल्लू (शम्भू प्रकाश): अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के बाद रघुनाथ जी सिया और लखन सहित रघुनाथपुर को लौट आए। रघुनाथ जी की भव्य रथयात्रा में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इसके बाद रघुनाथ जी ने सभी देवी-देवताओं को विदा किया।
पहले दिन जन सैलाब रघुनाथ जी के रथ को खींचकर अस्थायी शिविर तक लाया था, वहीं सोमवार को अस्थायी शिविर में पूजा-अर्चना के उपरांत रघुनाथ जी लंका विजय के लिए रथ में सवार हुए। लंका दहन रस्म को निभाने के बाद सीता जी को पालकी में रथ के पास लाया गया, इसके बाद कैटल मैदान से हजारों लोगों ने रथ को मोड़ा और वापस रथ मैदान तक पहुंचाया। रथ मैदान में सभी देवी-देवताओं को रघुनाथ जी ने विदा किया और फिर पालकी में सवार होकर रघुनाथपुर स्थित अपने देवालय को लौट गए।
रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, कारदार दानवेंद्र सिंह, हितेश्वर सिंह, देवी हिडिम्बा के कारदार, पुजारी व गुरु अन्य देवलुओं संग लंकाबेकर गए। वहां पर लंकादहन की रस्म को निभाया गया। इनके कैटल मैदान वापस लौटने के बाद रथ को लोग वापस रथ मैदान तक ले आए। ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ हजारों लोगों ने रथ यात्रा में हिस्सा लिया और रघुनाथ जी सहित सभी देवी-देवताओं से आशीर्वाद लिया।