भगवान शिव के इस मंदिर में होते हैं एक साथ 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Aug, 2024 12:46 PM

jabalpur

जबलपुर: सावन का पवित्र महीना चल रहा है। भोलेनाथ के भक्त सावन के पवित्र माह में अपनी मनोकामनाएं पूरी करने और शिव जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे श्रद्धा

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जबलपुर: सावन का पवित्र महीना चल रहा है। भोलेनाथ के भक्त सावन के पवित्र माह में अपनी मनोकामनाएं पूरी करने और शिव जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे श्रद्धा भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। अगर आप भी सावन के माह में भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना चाहते हैं तो आइए आपको ऐसे मंदिर की जानकारी देते हैं, जहां आपको एक साथ देवाधिदेव के 12 स्वरूपों के दर्शन होंगे। यह स्थान धुआंधार जलप्रपात के पास स्थित है। इस मंदिर को श्रीहरि नारायण माता लक्ष्मी पचमठा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर लगभग 1100 साल पुराना है। जहां पर कई देवी- देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। इस शहर के गोपालपुर नर्मदा तट में एक कलचुरी कालीन मंदिर है, जो अपने अंदर कितने ही प्राचीन इतिहास को संभाले हुए है।  

PunjabKesari  Shri Laxmi Narayan Pachmatha mandir

इस मंदिर में मुख्य श्री लक्ष्मी नारायण की श्रीविग्रह ग्रेनाइट पत्थर की काली प्रतिमा है। साथ ही दायीं सूड वाले सिद्धि विनायक, सातों घोड़ों के रथ पर सवार सूर्य नारायण, वृषारूढ शिव पार्वती, महिषासुर मर्दिनी, माता दुर्गा काली स्वरूपा और मां नर्मदा विराजित हैं। इसके साथ ही मंदिर की परिक्रमा पथ में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग, माता अन्नपूर्णा और मां सरस्वती प्रतिमा स्थापित है। 

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18वीं सदी में हुआ था इस मंदिर का निर्माण 
इस मंदिर के पुजारियों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। इस मंदिर के चारों कोनों में एक- एक छोटे मंदिर भी स्थापित हैं। पांच मंदिर होने के कारण इसे पचमठा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 

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यहां भी होते हैं शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन 
भारत के अलग-अलग कोनों में स्थित भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने को मिलते हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शनों के लिए भक्तों को लंबी-लंबी यात्राएं नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि जबलपुर के कचनार में एक साथ भगवान शिव की द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यहीं पर ही भगवान शिव की 75 फीट ऊंची दिव्य प्रतिमा भी है। भोले बाबा की इस प्रतिमा के नीचे एक गुफा है। गुफा के अंदर ही द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं। जिसके दर्शन के लिए महादेव के भक्त दूर-दूर से आते हैं।

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