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जगन्नाथ मंदिर की 35,000 एकड़ जमीन को बेचने की तैयारी, मंदिर ट्रस्ट ने किया खंडन

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Mar, 2021 09:25 AM

jagannath mandir

ओडिशा सरकार ने पुरी में स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ मंदिर से संबंधित 35 हजार एकड़ जमीन को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भाजपा विधायक मोहन मांझी की ओर से विधानसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब में कानून मंत्री प्रताप जेना ने 16 मार्च को कहा...

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भुवनेश्वर (विशेष): ओडिशा सरकार ने पुरी में स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ मंदिर से संबंधित 35 हजार एकड़ जमीन को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भाजपा विधायक मोहन मांझी की ओर से विधानसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब में कानून मंत्री प्रताप जेना ने 16 मार्च को कहा कि तत्कालीन राज्यपाल बीडी शर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई एक कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक, राज्य सरकार जगन्नाथ मंदिर की 35,272.235 एकड़ जमीन बेचने के लिए जरूरी कदम उठा रही है। स्थानीय मीडिया में इस खबर के आने के बाद श्री जगन्नाथ मंदिर के आफीशियल ट्वीटर हैंडिल पर इस खबर का खंडन किया गया है। मंदिर ट्रस्ट के अनुसार जमीन बेंचने की खबर पूरी तरह गलत व शरारतपूर्ण है। उन्होंने मंदिर अनुयाइयों से अनुरोधि किया है कि वे इस समाचार से भ्रमित न हों। 

वहीं मीडिया में आई खबरों के राज्य के कानून मंत्री ने कहा कि मंदिर की जमीन इसलिए बेंचने का फैसला लिया गया है कि इसके वर्तमान कोष 650 करोड़ रुपये को वर्ष 2023 तक बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपये किया जा सके। मंदिर की इन जमीनों पर कई जगह अतिक्रमण हो चुका है। उनसे यह राशि वसूल किए जाने का फैसला लिया गया है। प्रताप जेना ने के हवाले से कहा गया है कि ओडिशा के 24 जिलों में जगन्नाथ मंदिर से संबंधित 60,426.943 एकड़ जमीन की पहचान की जा चुकी है। इसके अलावा 395.252 एकड़ बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी स्थित है। मंदिर प्रशासन ने 34,876.983 एकड़ में राइट्स ऑफ राइट्स (आरओआर) तैयार कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, जगन्नाथ मंदिर की जमीन पर जिन लोगों ने 30 सालों से ज्यादा समय से कब्जा कर रखा है उन्हें प्रति एकड़ 6 लाख रुपये देने होंगे, वहीं जिन लोगों ने 30 साल से कम और 20 सालों से ज्यादा समय तक कब्जा किया है, उन्हें प्रति एकड़ 9 लाख रुपयों का भुगतान करना होगा। जिन लोगों ने 20 सालों से कम लेकिन 12 सालों से ज्यादा समय तक मंदिर की जमीन पर कब्जा बनाए रखा है, उन्हें प्रति एकड़ 15 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। बता दें कि राज्य सरकार कटक शहर में भारती मठ भवन समेत मंदिर की 315.337 एकड़ जमीन पहले ही बेच चुकी है। इस बिक्री से 11.20 करोड़ रुपये मंदिर कॉर्पस फंड में जमा किए जा चुके हैं।

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