Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Jul, 2024 07:36 AM
ओडिशा के पुरी में 7 जुलाई से जगन्नाथ रथयात्रा की शुरूआत हो गई है। न केवल देश के कोने-कोने से बल्कि विदेशों से भी भक्त प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा में सम्मिलित होने आते हैं। मान्यता है कि जगन्नाथ रथयात्रा
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Jagannath mandir: ओडिशा के पुरी में 7 जुलाई से जगन्नाथ रथयात्रा की शुरूआत हो गई है। न केवल देश के कोने-कोने से बल्कि विदेशों से भी भक्त प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा में सम्मिलित होने आते हैं। मान्यता है कि जगन्नाथ रथयात्रा में शामिल होने से 100 यज्ञ करने के बराबर फल मिलता है। वहीं जगन्नाथ मंदिर अपने आप में कई सारी मान्यताओं और रहस्यों के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में आज भी कई ऐसे चमत्कार होते हैं जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं है और उन्हीं रहस्यों में से एक रहस्य है जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का। जगन्नाथ मंदिर में कुल 22 सीढ़ियां है और इसकी तीसरी सीढ़ी पर भक्तों का पैर रखना वर्जित माना गया है लेकिन ऐसा क्यों ? तो आइए आज जानते हैं जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का रहस्य कि आखिर क्यों जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर पैर नहीं रखना चाहिए -
बता दें कि पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर लोग पाप मुक्त होने लगे थे क्योंकि धर्म पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण जगन्नाथ रूप में अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान है और मान्यताएं कहती है कि जो भी भक्त इस मंदिर के दर्शन करने आता है उसके सभी कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं साथ ही साथ मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ये देखकर यमराज भगवान जगन्नाथ के पास पहुंचे और कहा हे भगवन ! आपने पाप मुक्ति का ये बहुत ही सरल उपाय बता दिया है। लोग आपके दर्शन कर बड़ी ही आसानी से पाप मुक्त होने लगे हैं और कोई भी यमलोक नहीं आता है। यमराज की ये बात सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि आप मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर अपना स्थान ग्रहण करें, जो कि यमशिला के रूप में जाना जाएगा। जो कोई भी मेरे दर्शन करने के बाद उस शिला पर पैर रखेगा उसके सारे पुण्य क्षीण हो जाएंगे और उन्हें यमलोक जाना पड़ेगा इसलिए जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर पैर रखना वर्जित माना गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय कुल 22 सीढ़ियां हैं और मान्यताओं के मुताबिक, नीचे की तीसरी सीढ़ी पर यमसिला उपस्थित है। दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश करते समय पैर सीढ़ियों पर रखने हैं, लेकिन दर्शन के बाद लौटते समय उस सीढ़ी पर पैर नहीं रखने की सलाह दी जाती है। वहीं इस सीढ़ी की पहचान की बात करें तो यह काले रंग की है और बाकी सीढ़ियों से इसका रंग बिल्कुल अलग है।
अगर आप भी जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करने जाते हैं तो भूलकर भी इस मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर पैर न रखें।