Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Jul, 2024 08:34 AM
7 जुलाई से शुरू हुई आस्था और भक्ति की रथयात्रा ने रविवार को ओडिशा के पुरी में उस वक्त दर्दनाक मोड़ ले लिया जब भगवान बलभद्र के रथ तालध्वज को खींचने के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक श्रद्धालु की मौत हो गई,
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पुरी (एजैंसियां): 7 जुलाई से शुरू हुई आस्था और भक्ति की रथयात्रा ने रविवार को ओडिशा के पुरी में उस वक्त दर्दनाक मोड़ ले लिया जब भगवान बलभद्र के रथ तालध्वज को खींचने के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों में कइयों की हालत गंभीर बताई जा रही है। भगदड़ में दो पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए हैं। इनमें से एक पुलिस कर्मचारी का पैर टूटने की खबर सामने आई है। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। घायलों को पुरी के जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज चल रहा है। घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना तथा उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
अस्पताल में ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे लोगों को देखकर हर किसी का दिल दहल गया। डाक्टरों की टीम घायलों के इलाज में जुट गई। कई घायलों को आक्सीजन पर रखा गया है। इस हादसे में मारे गए श्रद्धालु की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस उसके परिजनों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, मृतक श्रद्धालु ओडिशा से बाहर का रहने वाला था। इस हादसे पर दुख जताते हुए स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि घायलों को हरसंभव मदद मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
दोपहर बाद करीब 5:20 बजे पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने रथों की पूजा-अर्चना की और छेरा पहरा रस्म अदा की। इसके बाद जैसे ही भगवान बलभद्र के रथ तालध्वज को खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई, भीड़ बेकाबू हो गई। देखते ही देखते भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे और एक-दूसरे पर गिरने लगे। भगदड़ इतनी ज्यादा थी कि लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला।