Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Jul, 2024 03:44 PM
ओडिशा के पुरी में स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का ‘रत्न भंडार’ 46 साल बाद रविवार दोपहर को फिर से खोला गया। अधिकारियों ने बताया कि आभूषणों, मूल्यवान वस्तुओं की सूची बनाने और भंडार गृह की
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भुवनेश्वर (प.स.): ओडिशा के पुरी में स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का ‘रत्न भंडार’ 46 साल बाद रविवार दोपहर को फिर से खोला गया। अधिकारियों ने बताया कि आभूषणों, मूल्यवान वस्तुओं की सूची बनाने और भंडार गृह की मुरम्मत करने के लिए रत्न भंडार को खोला गया है। इसे पिछली बार 1978 में खोला गया था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गठित समिति के सदस्यों ने दोपहर करीब 12 बजे मंदिर में प्रवेश किया और अनुष्ठान करने के बाद रत्न भंडार पुनः खोला गया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा गया, ‘भगवान जगन्नाथ की इच्छा पर उड़िया समुदाय ने ‘उड़िया अस्मिता’ की पहचान के साथ आगे बढ़ने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।’ इसमें कहा गया, ‘आपकी इच्छा पर ही जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खोले गए थे। आज आपकी इच्छा पर ही 46 साल बाद रत्न भंडार को एक बड़े उद्देश्य के लिए दोपहर एक बजकर 28 मिनट की शुभ घड़ी पर पुनः खोला गया।’ अधिकारियों ने बताया कि रत्न भंडार को खोलते समय 11 लोग मौजूद थे।
रत्न भंडार का दूसरा दरवाजा खुलते ही एस.पी. पिनाक मिश्रा बेहोश हो गए। हालांकि इसका कारण पता नहीं चला। मंदिर परिसर में ही उनका इलाज किया गया।