Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Mar, 2024 07:35 AM
पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती का पर्व मनाया जाता है। ये दिन श्री राम की पत्नी और राजा जनक की पुत्री को समर्पित है। जनक की
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Janaki Jayanti 2024: पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती का पर्व मनाया जाता है। ये दिन श्री राम की पत्नी और राजा जनक की पुत्री को समर्पित है। जनक की पुत्री होने की वजह से इन्हें जनक दुलारी भी कहा जाता है। देवी सीता मां लक्ष्मी का अवतार भी हैं। इस वजह से जो व्यक्ति इस दिन इनकी पूजा करता है उसे जीवन में कभी भी धन-सम्पदा से जुड़ी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। कुछ महिलाएं घर-परिवार की शांति के लिए भी इस व्रत को रखती हैं। तो चलिए जानते हैं किस दिन रखा जाएगा ये व्रत।
Janaki Jayanti Date जानकी जयंती तिथि
पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 3 मार्च को सुबह 08 बजकर 44 मिनट पर होगा और 4 मार्च सुबह 8 बजकर 49 मिनट पर इसका समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार ये व्रत 4 मार्च को रखा जाएगा। इस दिन को सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
मां सीता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: सुबह 9.38 से सुबह 11.05 तक
मान्यताओं के अनुसार जब जनकपुर में खाने-पीने का अकाल पड़ गया था। तब राजा ने परेशान होकर अपने गुरु से मदद मांगी उसके बाद गुरु की सलाह पर उन्होंने एक सोने का हल बनवाया और उसे जोतने लगे। इस दौरान उन्हें एक बर्तन में कन्या मिली जिन्हें मां सीता कहा जाता है। मिथिला में इस दिन को बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
Janaki Jayanti Puja Method जानकी जयंती पूजा विधि
सबसे पहले सुबह-सुबह उठकर श्री राम और माता सीता को प्रणाम करें।
इसके बाद मां सीता को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
इस दिन प्रभु राम और मां सीता को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
पूजा करने के बाद आरती के साथ समापन करें।
इस दिन हो सके तो ज्यादा से ज्यादा मां सीता के मंत्रों का जाप करें।
Mantra मंत्र: श्री सीतायै नमः:
ॐ जानकीवल्लभाय नमः
श्रीसीता-रामाय नम:
श्री रामचन्द्राय नम:
श्री रामाय नम:
श्री सीतायै नम: