Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Mar, 2024 11:10 AM
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि के दिन सीताष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व श्री राम की भार्या माता सीता को समर्पित है। सीताष्टमी को सीता जयंती और जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
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Janaki Jayanti 2024 Date: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि के दिन सीताष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व श्री राम की भार्या माता सीता को समर्पित है। सीताष्टमी को सीता जयंती और जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। जानकी जयंती के दिन माता सीता की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है। सीता अष्टमी के दिन महिलाएं घर की सुख-शांति और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। तो आइए जानते हैं सीता अष्टमी यानी जानकी जयंती की शुभ तिथि और महत्व क्या है-
Auspicious date of Janaki Jayanti जानकी जयंती की शुभ तिथि
पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती मनाई जाती है। फाल्गुन माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 3 मार्च दिन रविवार को सुबह 8 बजकर 44 मिनट पर होगी और समाप्ती 4 मार्च दिन सोमवार को सुबह 8 बजकर 49 मिनट को होगी। माता जानकी की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 38 मिनट से लेकर सुबह के 11 बजकर 5 मिनट तक है।
Importance of Sitashtami सीताष्टमी का महत्व
शास्त्रों में सीताष्टमी का बहुत महत्व है। माता सीता को देवी लक्ष्मी का ही अवतार माना जाता है। सीताष्टमी के दिन माता सीता की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख-शांति और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं।
Donate these things on the day of Janaki Jayanti जानकी जयंती के दिन करें इन चीजों का दान
माना जाता है कि जानकी जयंती के दिन सुहाग की चीजों का दान करने की परंपरा है। इस दिन जो महिलाएं सुहाग की चीजों का दान करती हैं, उनके सौभाग्य में वृद्धि होती है और पति की उम्र लंबी होती है।