Janamashtami Vrat Vidhi: इस विधि के बिना अधूरा रहता है जन्माष्टमी का व्रत

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Aug, 2024 04:39 AM

janamashtami vrat vidhi

साल 2024 में जन्माष्टमी का व्रत 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि होगी और इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का अवतरण भी हुआ था इसलिए इस दिन कान्हा की बाल गोपाल के

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Janamashtami Vrat Vidhi: साल 2024 में जन्माष्टमी का व्रत 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि होगी और इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का अवतरण भी हुआ था इसलिए इस दिन कान्हा की बाल गोपाल के रूप में पूजा की जाती है। तो वहीं कई लोग इस दिन व्रत रखकर कान्हा को प्रसन्न करते हैं लेकिन आपको बता दें, जन्माष्टमी का व्रत बाकि व्रतों से अलग है। इसे करने के विशेष नियम हैं और इन नियमों का पालन करते हुए ही ये उपवास रखना चाहिए। तभी यह फलित होता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। तो आईए जानते हैं, जन्माष्टमी व्रत के नियम...

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जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले व्रती को एक दिन पहले ही व्रत का पालन करना अनिवार्य होता है। ये व्रत एक दिन पूर्व रात 12 बजे के बाद से ही शुरू हो जाता है और अगले दिन रात 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। जन्माष्टमी का व्रत रखने से एक दिन पहले भी सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।

श्री कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और श्रीकृष्ण के आगे व्रत का संकल्प करें। यह संकल्प आप हाथों में तुलसी की एक पत्ती पकड़ कर करें और साथ ही व्रत के दौरान होने वाली किसी भी भूल के लिए पहले ही क्षमा मांग लें।

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अगर आप विवाहित हैं तो उपवास रखने के एक रात्रि पूर्व आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। खासतौर पर रात्रि 12 बजे के बाद से ही आपका उपवास प्रारंभ हो जाता है और यह अगले दिन रात में 12 बजे ही श्री कृष्‍ण के जन्‍म के बाद ही खुलता है।

इस दिन लड्डू गोपाल को पंचामृत के साथ स्नान कराकर उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।

जन्माष्टमी के दिन श्री विष्णु की पूजा करें। उन्हें तिल अर्पित करें। व्रत के दिन मध्याहन के समय तिल के पानी से स्नान करें।

इस व्रत में आप फलों का सेवन करें। रात में साधारण भोजन के साथ व्रत को खोल सकते हैं। श्री कृष्ण को फल, दही और दूध का भोग चढ़ाएं। इस दिन पानी में तुलसी की पत्ती डालकर सेवन करना फलदायी होता है।

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श्री कृष्ण की पूजा के समय शाम को नए वस्त्र धारण करने चाहिए, अगर नए नहीं है तो आप जो भी धारण करें ध्यान रखें वो साफ- सुथरें हो।

जन्माष्टमी के दिन लक्ष्मी नारायण को कमल के फूलों से सजाना चाहिए। ये फूल भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं। इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है।

इस दिन जितना हो सके श्री कृष्ण के नाम का जाप करें।

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