Edited By Prachi Sharma,Updated: 27 Feb, 2025 08:14 AM
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श्री लाल शास्त्री शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय एवं नवयोग सूर्योदय सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आध्यात्मिक गुरु बालकुंभ गुरुमुनि डॉ. होसी ताकायुकी,...
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तोक्यो (एजैंसी): श्री लाल शास्त्री शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय एवं नवयोग सूर्योदय सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आध्यात्मिक गुरु बालकुंभ गुरुमुनि डॉ. होसी ताकायुकी, अगस्त्य फाउंडेशन, टोक्यो से 30 जापानी साधकों के साथ आगमन हुआ।
आध्यात्मिक गुरु जी ने अपने आशीर्वचनों से समस्त योग साधकों को लाभान्वित किया।साथ ही देव भूमि हरिद्वार का भ्रमण किया जहां उन्हें अपना आत्मसाक्षात्कार हुआ। उन्होंने कहा कि वह बहुत सौभाग्यशाली हैं जो आदि गुरु शिव जी के आशीर्वाद से अपनी टीम को भारत आए और सभी के आराध्य शिव भगवान की भक्ति के लिए शिवरात्रि पर यहां हैं। उन्होंने कहा कि हम सब के मन में शिव है।
श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर मुरली मनोहर पाठक जी ने कहा अगस्त्य मुनि का भारतीय परंपरा में बहुत योगदान है। उनके आध्यात्म से शिक्षित डॉ होसी तकायुकी का सनातन धर्म के प्रति श्रद्धा भारतीय ज्ञान परंपरा का विश्वव्यापी स्वीकार्यता का एक पहलू है। उनके द्वारा जापान में शिव मंदिर का निर्माण योग की विद्या से विश्व शांति की ओर अग्रसर हो सकेगा। इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. नवदीप जोशी सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।