Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Sep, 2022 07:18 AM
कलश स्थापना के पश्चात ज्वार बोने यानी खेतरी बीजने का भी प्रचलन है। ऐसी मान्यता है कि जो इस पृथ्वी पर सबसे पहला पाए जाने वाला अनाज है, जिसे की बेहद पवित्र माना जाता है और सभी देवी-देवताओं
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Significance of growing Jaware Khetri in Navratri: कलश स्थापना के पश्चात ज्वार बोने यानी खेतरी बीजने का भी प्रचलन है। ऐसी मान्यता है कि जो इस पृथ्वी पर सबसे पहला पाए जाने वाला अनाज है, जिसे की बेहद पवित्र माना जाता है और सभी देवी-देवताओं के पूजन में हमेशा सम्मिलित किया जाता है। वे जौं हैं। नवरात्रि में जौ बोने की प्रथा है, इससे घर में सुख-समृद्धि व धन-धान्य बना रहे इसी कारण जौं बोने की सही प्रक्रिया का ध्यान रखें।
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How do you make khetri जौ बोने की विधि- मिट्टी के प्याले में जो बोया जाता है, इससे पहले उसे साफ पानी से धोकर उस पर स्वास्तिक बना लें। इसके पश्चात किसी साफ जगह से मिट्टी लें और उसमें थोड़ा सा गाय का गोबर खाद के रूप में मिलाकर प्याले में भर लें। इसके पश्चात पहले से भिगो कर रखें जौं के दाने अथवा सात प्रकार के अनाज का भी इस्तेमाल किया जाता है। जोकि और भी अच्छा शुभ संकेत माना जाता है उन्हें इस प्याले में बोएं और ऊपर से पानी का छिड़काव करते हैं। शारदीय नवरात्र में 9 दिन लगातार इसमें जल डालते रहें।
How can we grow Jau in Navratri: इस सारी प्रक्रिया में स्वच्छता का बेहद ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसके साथ ही अपना मन निर्मल रखें। मां भगवती के मंत्रों का उच्चारण करते हुए, यह सारी प्रक्रिया करें और व्रत का संकल्प देवी के आगे लें। देवी का लाल कपड़ों, लाल चुनरी व लाल रंग के श्रृंगार के सामान के साथ श्रृंगार करें। पंचोपचार की पूजा यानी कि धूप, दीप, फल, फूल और नैवेद्य मां को अर्पण करें। इस प्रकार से नवरात्रि का प्रारंभ किया जाता है।
नीलम
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