Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 Feb, 2025 07:01 AM
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हिंदू धर्म में जया एकादशी को विशेष महत्व दिया गया है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से जातक को समस्त से पापों से
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Jaya Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में जया एकादशी को विशेष महत्व दिया गया है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है और ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से जातक को समस्त से पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है और उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा गया है कि जो भी जातक इस व्रत को सच्चे मन से करता है और सभी नियमों का पालन करता है उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही उसके जीवन से सभी नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती है। सभी इच्छाएं पूरी होती है। ऐसा भी माना जाता है कि जया एकादशी का व्रत करने से पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की जया एकादशी को बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना गया है और साल 2025 की जया एकादशी का व्रत 8 फरवरी दिन शनिवार को रखा जाएगा और 09 फरवरी दिन रविवार को इसका पारण होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है नहीं तो व्रत का पूर्ण लाभ नहीं मिलता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जया एकादशी के दिन कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है, जिन्हे नहीं करना चाहिए।
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जया एकादशी में दान का बहुत महत्व बताया गया है। जया एकादशी के दिन गरीबों तथा ज़रूरतमंदों को तिल या तिल से बनी वस्तुओं, वस्त्रों, फल और दूध या दूध से बने पदार्थों का दान करना बेहद शुभ माना गया है इसलिए इस दिन दान अवश्य करें। पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना गया है इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है। जया एकादशी के दिन भूलकर भी चावल, गेहूं, दाल, बैंगन, लहसुन, प्याज़, मांस, शराब या किसी भी तरह के अन्य तामसिक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि वर्जित चीज़ों का सेवन करने से मनुष्य को अगले जन्म में नीच योनि में जन्म लेने का खतरा रहता है इसलिए इस दिन केवल फलाहार, दूध, मखाने, और सूखे मेवों का सेवन करना चाहिए।
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जया एकादशी के दिन क्रोध, द्वेष, निंदा और झूठ बोलने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस से व्रत का प्रभाव कम हो जाता है इसलिए इस दिन अच्छे विचारों का पालन करें। शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रतधारी को अधिक नहीं सोना चाहिए, ऐसा करने से पुण्य फल कम हो जाता है। इस दिन बाल, नाखून और दाढ़ी काटना वर्जित माना गया है इसलिए इस दिन इन कार्यों को करने से बचें। जया एकादशी के व्रत का फल तभी प्राप्त होता है जब इसे नियम और पूरी श्रद्धा के साथ किया जाए। भगवान विष्णु की भक्ति, दान, पुण्य और सेवा भाव से यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की ओर ले जाता है।
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