Edited By Sarita Thapa,Updated: 08 Feb, 2025 08:50 AM
Jaya Ekadashi: हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी का व्रत रखने का विधान है। इस बार जया एकादशी का व्रत 08 फरवरी 2025 यानी आज के दिन रखा जाएगा। जया एकादशी के दिन व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी कृपा और...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Jaya Ekadashi: हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी का व्रत रखने का विधान है। इस बार जया एकादशी का व्रत 08 फरवरी 2025 यानी आज के दिन रखा जाएगा। जया एकादशी के दिन व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी कृपा और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को अपने सभी पापों से भी छुटकारा मिलता है। लेकिन एकादशी व्रत के कुछ नियम भी हैं। जिनका पालन करना बेहद जरूरी है वरना आपकी पूजा असफल हो सकती है। तो आइए जानते हैं कि जया एकादशी के व्रत वाले दिन व्रती को क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
सबसे पहले एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें।
जया एकादशी के दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करने के बाद अपने व्रत को आरंभ करें।
इसके बाद विधिपूर्वक विष्णु जी की पूजा करें। एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें।
एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु को पीले रंग के फूल, केला, नारियल, पंचामृत, तुलसी आदि पूजा सामग्री अर्पित करें।
जया एकादशी के दिन एकादशी कथा के साथ ही गीता का भी पाठ करें।
एकादशी व्रत के दिन शाम के समय पूजा-आरती के बाद ही फलाहार करें। मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
एकादशी के दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें।
एकादशी व्रत के दिन “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमो नम: मंत्र का लगातार जाप करते रहें।
एकादशी व्रत में सायंकाल पूजा-आरती के बाद फलाहार किया जा सकता है।
एकादशी व्रत में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें और अगले दिन व्रत के पारण के बाद की भोजन ग्रहण करें।
जया एकादशी का व्रत करने वाले जातकों इस दिन रखें इन बातों का ध्यान
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत के दिन तामसिक चीजों जैसे प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
एकादशी के दिन चावल और चावल से बनी चीजों का खाना वर्जित होता है। व्रती को दशमी तिथि के दिन से ही चावल और तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा एकादशी व्रत के दिन तुलसी के पत्ता न तोड़ने की सलाह दी जाती है। पूजा के लिए एक दिन पहले ही तुलसी का पत्ता तोड़कर रख लें।
एकादशी के दिन किसी दूसरे को अपशब्द न कहें और न ही किसी से वाद-विवाद करें।