Jaya Parvati Vrat 2022: पिया का भरपूर प्यार पाने के लिए 5 दिन तक करें ये काम

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Jul, 2022 08:37 AM

jaya parvati vrat

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से मां पार्वती के अवतार जया गौरी के व्रत का प्रारंभ होता है। यह व्रत कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि तक लगातार पांच दिन किया जाता है। जया पार्वती व्रत का आरंभ

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Jaya Parvati Gauri Vrat 2022: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से मां पार्वती के अवतार जया गौरी के व्रत का प्रारंभ होता है। यह व्रत कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि तक लगातार पांच दिन किया जाता है। जया पार्वती व्रत का आरंभ 12 जुलाई  से आरंभ होगा और इसकी समापन तिथि 17 जुलाई को है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये व्रत माता पार्वती के जया अवतार को समर्पित है। माता पार्वती के इस रूप की पूजा करने पर इच्छित वर को जीता जा सकता है। पति के ऊपर से हर संकट को टालता है ये व्रत। तभी सुहागिनें, कुंवारी कन्याएं इस व्रत को बड़ी श्रद्धा से करती हैं। निसंदेह ये व्रत कठिन तप है। इन पांच दिनों में सात्विक रहते हुए अन्न का त्याग कर फल और दूध का सेवन करना होता है। कुछ स्थानों में एक समय खीर का सेवन किया जाता है परन्तु गेहूं का ग्रहण करना सख्त मना होता है। माता पार्वती का ये व्रत प्रेम सम्बन्धों को सफल बनाने, विवाहित जीवन में खुशियां लाने अपने साजन के प्रेम पाने के लिए स्त्रियां और कन्याओं को अवश्य करना चाहिए। 

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Jayaparvati Puja vidhi: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर इस व्रत का संकल्प लें। इसके पश्चात देवी जया के प्रतिरूप का ध्यान करते हुए उनकी पूजा करें, फल, फूल मिश्री, पान, लौंग, शतपतर, धूप दीप जलाएं। गुड़हल के फूलों की माला माता को अति प्रिय है। माला अर्पित करें और जिस मनोरथ से आप व्रत कर रहे हैं। प्राथना करें की वह पूर्ण हो।

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व्रत की कथा ज़रूर पढ़ें। प्रतिदिन शुद्ध विचारों और आचरण के साथ माता के मन्त्रों का जाप करें। मंत्र जप से व्रत का तेज बढ़ता है। और पुण्य फलों में वृद्धि होती है।

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मंत्र: ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

घर के ब्रह्मस्थान पर एक पानी का कुंभ रख कर कुछ दाने गेहूं के अपनी मनोकामना बोलते हुए छोड़ें। पांच दिनों तक कुंभ ब्रह्मस्थान पर ही रखें। इच्छा पूर्ति होगी। अन्तिम दिन पानी का छिड़काव पूरे घर में करें।

इस व्रत के दौरान पूरा श्रृंगार कर अच्छे वस्त्र धारण करके रखें। माता पार्वती को इत्र चढ़ाएं। एक अनार का भोग प्रतिदिन लगाने से आपसी प्रेम और भी मजबूत होगा।

नीलम
8847472411 

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