Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Sep, 2024 10:54 AM
पंचांग के अनुसार आज जीवितपुत्रिका का व्रत रखा जा रहा है। संतान की सलामती के लिए महिलाएं ये व्रत रखती हैं। आज के दिन खास तौर पर भगवान जीमूतवाहन की पूजा-आराधना की जाती है।
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Jitiya vrat 2024: पंचांग के अनुसार आज जीवितपुत्रिका का व्रत रखा जा रहा है। संतान की सलामती के लिए महिलाएं ये व्रत रखती हैं। आज के दिन खास तौर पर भगवान जीमूतवाहन की पूजा-आराधना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए व्रत और पूजा से बच्चों की सेहत में सुधार होता है और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। यदि आपकी संतान की सेहत खराब है या फिर जीवन में तरक्की नहीं मिल पा रही है तो आज के दिन माताओं को ये व्रत अवश्य करना चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत को करने से पांडवों के पुत्र परीक्षित को मृत्यु के बाद पुनर्जीवित किया गया था। आज शाम के समय पूजा के बाद इस आरती को अवश्य पढ़ना चाहिए, नहीं तो पूजा अधूरी मानी जाती है।
Jitiya Vrat Aarti जितिया व्रत आरती
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन.
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप…
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी.
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप….
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली.
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप…
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी.
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप…
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा.
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप…
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी.
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप…
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै.
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप…
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन
जितिया व्रत आरती पढ़ने के फायदे
इस आरती को पढ़ने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। यह आरती वातावरण को शुद्ध करती है और मन में शांति लाती है। इस आरती को पढ़ने से संतान के जीवन से चल रही सारी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।