चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में बृहस्पति का गोचर, इन राशियों की होगी बल्ले-बल्ले

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jun, 2024 08:20 AM

jupiter transits in the moons rohini constellation

13 जून से देव गुरु बृहस्पति अपना नक्षत्र परिवर्तन कर चुके हैं और वह अपने मित्र चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में आ गए हैं। यहां पर मार्गी अवस्था में वे 20 अगस्त तक रहने वाले हैं। बृहस्पति जब-जब अपने मित्र के नक्षत्र में आते हैं तो अत्यंत पावरफुल हो जाते...

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13 जून से देव गुरु बृहस्पति अपना नक्षत्र परिवर्तन कर चुके हैं और वह अपने मित्र चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में आ गए हैं। यहां पर मार्गी अवस्था में वे 20 अगस्त तक रहने वाले हैं। बृहस्पति जब-जब अपने मित्र के नक्षत्र में आते हैं तो अत्यंत पावरफुल हो जाते हैं। हमारे जो नवग्रह हैं, उनमें चंद्रमा के साथ देवगुरु बृहस्पति की सबसे ज्यादा मित्रता है और जब यह कुंडली में दोनों ग्रह एक साथ बैठते हैं तो गजकेसरी योग बना देते हैं। जिससे ज्योतिष में बहुत ही शुभ माना जाता है। 13 जून से बृहस्पति और चंद्रमा एक साथ नहीं बैठ रहे बल्कि बृहस्पति जो हैं, वह चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में आ गए हैं। भगवान कृष्ण का जन्म भी रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। यह नक्षत्र प्रेम, सौंदर्य और रचनात्मकता यानी क्रिएटिविटी से जुड़ा है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बहुत क्रिएटिव, इमोशनल, आर्टिस्टिक नेचर और थोड़ा कामुक भी होते हैं। यह विलासिता पूर्ण जीवन शैली का पूरा आनंद लेते हैं। गीत-संगीत प्रेमी होते हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी व मल्टी टैलेंटेड होते हैं। बहुत कल्पनाशील और चंचल स्वभाव के भी होते हैं।

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रोहिणी नक्षत्र हमारे 27 नक्षत्रों की श्रृंखला में चौथा नक्षत्र है और इस पर चंद्रमा का शासन है। इस नक्षत्र के देवता ब्रह्मा हैं और ब्रह्मा प्रकृति के रचनाकार हैं यानी क्रिएटर है। अब प्रकृति इतनी सुंदर है तो यह नक्षत्र भी बहुत सुंदर है और इसी नक्षत्र में 13 जून से बृहस्पति जब से आएं हैं तो कई राशियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आएं हैं।

हमारे नवग्रह में बृहस्पति को देवगुरु का दर्जा हासिल है और यह इस ब्रह्मांड के सबसे बड़े ग्रह हैं। यह एक ऐसे ग्रह हैं, जो हमारे जीवन में उन्नति की राह खोलते हैं । इन्हें ज्ञान, कर्म, धन, पुत्र और विवाह का कारक माना जाता है। इन्हें अध्यात्म का कारक भी माना जाता है और दार्शनिक का दर्जा भी दिया गया है । देव गुरु बृहस्पति हमारे आध्यात्मिक ज्ञान व हमारी बुद्धि को निर्देशित करते हैं और जिस जातक पर यह प्रसन्न होते हैं, उसे जिंदगी में किसी चीज की कमी नहीं रहती। समाज में खूब यश-सम्मान मिलता है।

13 जून से 20 अगस्त तक 67 दिन देवगुरु बृहस्पति मार्गी अवस्था में अपने मित्र चंद्रमा के इस रोहिणी नक्षत्र में जब भ्रमण करेंगे तो कई राशियों की किस्मत का ताला खोल देंगे। कुछ राशियों को जबरदस्त कामयाबी देंगे जबकि कुछ राशियों को कोई न कोई खुशखबरी देंगे। रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हुए बृहस्पति किस राशि को क्या देने जा रहे हैं यह सिलसिलेवार जानें।

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पहले मेष राशि की बात करते हैं। मेष राशि वालों को दूरसंचार के माध्यम से कोई अच्छी खबर सुनने को मिलेगी और मेष राशि के जो विद्यार्थी कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें सफलता मिल सकती है। आमदनी के नए स्रोत भी बनेंगे लेकिन थोड़ा स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा।

अब वृषभ राशि की बात करते हैं। वृषभ राशि में उदय होकर बृहस्पति पहले ही पावरफुल हो चुके हैं और अब अपने मित्र के नक्षत्र में आकर वह वृषभ राशि वालों को शानदार नतीजे देने वाले हैं। वृषभ राशि वाले अपने आप को नई ऊर्जा से लैस महसूस करेंगे। खुशियां भी आपके पास चलकर आएंगी। उपलब्धियां भी आपके खाते में दर्ज होंगी और पैसा भी कई स्रोतों से आएगा। वृषभ राशि वाले अपना घर या नया फ्लैट भी ले पाएंगे। जिस बात का आप लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, वह सपना भी आपका अब पूरा होगा।

तीसरी राशि मिथुन राशि की बात करते हैं। मिथुन राशि वाले अगर जॉब करते हैं तो आपको अपने वर्कप्लेस पर तरक्की मिलेगी। नए लोगों के संपर्क में आएंगे, आपके नए रिलेशन बनेंगे। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। आप इन्वेस्टमेंट भी कर सकते हैं, जिसका आपको जबरदस्त लाभ होगा। भाग्य का अच्छा साथ आपको मिलेगा जिससे सभी तरह के कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

अगली भाग्यशाली राशि कर्क राशि है। देवगुरु बृहस्पति की यह उच्च राशि है। चंद्रमा की यह अपनी राशि है। देवगुरु बृहस्पति अब चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हुए कर्क राशि के जातकों को धन प्राप्ति के योग बनाएंगे। सभी तरह की भौतिक इच्छाओं की पूर्ति होगी। कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। आमदनी में अच्छा इजाफा देखने को मिल सकता है।

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अगली भाग्यशाली राशि सिंह राशि है। सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव और आराध्य जगत के पालनहार भगवान विष्णु हैं। इस राशि के जातकों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा रहती है। वहीं रोहिणी नक्षत्र में गोचर के दौरान देवगुरु बृहस्पति सिंह राशि के जातकों पर भी कृपा बनाएंगे। इस दौरान सिंह राशि के जातकों के कारोबार में मुनाफा होगा। बिगड़े काम बनने लगेंगे। रुका हुआ कारोबारी चलेगा और अचानक से धन प्राप्त होगा। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा। लव लाइफ बेहतर होगी। रोमांस के मौके मिलेंगे।

इसके बाद कन्या राशि की बात करते हैं। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से कन्या राशि के जातकों का भाग्योदय होगा। विदेश जाने की कोई फाइल लगाई है तो अच्छी खबर सुनने को मिलेगी। प्रमोशन के योग भी बनेंगे। नया फ्लैट या वाहन खरीदने के योग भी बनेंगे। कई स्रोतों से आमदनी की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और पैतृक संपत्ति का लाभ मिलने के योग भी बनेंगे।

अगली भाग्यशाली राशि तुला राशि है। तुला राशि के जातकों के कारोबार में अपार वृद्धि होगी। साथ ही करियर को भी नया आयाम मिल सकता है। रुके हुए कार्य पूरे हो जाएंगे। आमदनी बढ़ेगी। साथ ही बिगड़े काम भी बनने लगेंगे। वैवाहिक जीवन खुशहाल होगा।

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फिर वृश्चिक राशि की बात करते हैं। वृश्चिक राशि वालों को इस अवधि में निवेश से लाभ होगा। अगर बिजनेस करते हैं तो अपने बिजनेस को विस्तार भी दे सकते हैं। पारिवारिक माहौल की बात करें तो घर-परिवार में सुख-शांति का वातावरण रहेगा। साथ ही आपको समय-समय पर आकस्मिक धन लाभ हो सकता है। आपको संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार मिल सकता है। विदेश जाने की कोई फाइल लगाई है तो आपकी मुराद पूरी हो सकती है।

धनु राशि की अगर बात करें तो धनु राशि वालों को देवगुरु बृहस्पति के रोहिणी नक्षत्र में गोचर से काम और कारोबार में लाभ होगा। आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। किस्मत का साथ मिलेगा। अगर आप घर-दुकान या नया ऑफिस खरीदना चाहते हैं तो आपकी कामनाएं पूरी होगी और सफलताएं भी मिलेंगी।

मकर राशि वालों के लिए देवगुरु बृहस्पति का रोहिणी नक्षत्र में गोचर मिला-जुला रहने वाला है। जहां आमदनी के साधन बढ़ेंगे, वहीं नौकरी में थोड़ा तनाव हो सकता है इसलिए वाद-विवाद से थोड़ा दूर रहना होगा।

कुंभ राशि वालों के लिए देवगुरु बृहस्पति का गोचर सामान्य रहने वाला है। इन्हें विशेष लाभ या हानि के योग बनते दिखाई नहीं दे रहे।
लेकिन मीन राशि वाले भाग्यशाली रहने वाले हैं। एक तो यह देवगुरु बृहस्पति की अपनी राशि है और दूसरा अपने मित्र चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हुए देवगुरु बृहस्पति मीन राशि वालों को कई शुभ फल देने वाले हैं। गुरु के गोचर से विवाहित जातकों के सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होगी। वहीं अविवाहितों के लिए रिश्ते आ सकते हैं। साथ ही भाग्य का भी पूरा साथ मिलेगा। इससे बिगड़े काम बन जाएंगे। पार्टनरशिप में बिजनेस करना चाह रहे हैं तो शानदार कामयाबी मिलेगी। विदेश जाने की कोई फाइल लगाई है तो अच्छी खबर सुनने को मिलेगी।

गुरमीत बेदी
9418033344

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