Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Jun, 2024 08:48 AM
हिन्दू धर्म में दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किये जाने वाले पिंड दान व तर्पण के लिए अमावस्या को शुभ माना गया है। वहीं ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि
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Jyeshtha Amavasya: हिन्दू धर्म में दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किये जाने वाले पिंड दान व तर्पण के लिए अमावस्या को शुभ माना गया है। वहीं ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है। अतः इस कारण से ज्येष्ठ अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन शनि देव के पूजन का विशेष विधान है। सूर्य पुत्र शनि देव हिन्दू ज्योतिष में नवग्रहों में से एक हैं। मंदगति से चलने की वजह से इन्हीं शनैश्चर भी कहा जाता है। शनि जयंती के साथ-साथ उत्तर भारत में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिये इस दिन वट सावित्री व्रत भी रखती हैं।
Jyeshtha Amavasya fast and religious deeds ज्येष्ठ अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म: ज्येष्ठ अमावस्या पर दान, धर्म, पिंडदान के साथ-साथ शनि देव का पूजन और वट सावित्री व्रत भी रखा जाता है। इस दिन होने वाले धार्मिक कर्मकांड इस प्रकार हैं-
इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करना चाहिये।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
शनि देव को कड़वा तेल, काले तिल, काले कपड़े और नीले पुष्प चढ़ाएं। शनि चालीसा का जाप करें।
वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन यम देवता की पूजा करनी चाहिए और यथाशक्ति दान-दक्षिणा देना चाहिए।
Jyeshtha Amavasya Muhurta ज्येष्ठ अमावस्या मुहूर्त
5 जून 2024 को 7:57:21 से अमावस्या आरम्भ
6 जून 2024 को 6:09:36 पर अमावस्या समाप्त
आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
9005804317