Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Jun, 2024 03:31 PM
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत निहित किए गए हैं। इस बार ज्येष्ठ
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Jyeshtha Pradosh vrat: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत निहित किए गए हैं। इस बार ज्येष्ठ मास का प्रदोष व्रत बहुत ही खास संयोग में बन रहा है। 4 जून को प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि दोनों एक साथ मंगलवार के दिन पड़ रहे हैं। यह संयोग बहुत ही सालों बाद बन रहा है। इस दिन शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष भी कहा जा सकता है। माना जाता है कि इस दिन शिव जी के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है और साथ ही मन की हर मुराद पूरी होती है। तो आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Bhaum Pradosh Vrat 2024 भौम प्रदोष व्रत 2024
ज्येष्ठ मास का पहला प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा। ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी तिथि का आरंभ 4 जून को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से रात को 10 बजकर 1 मिनट तक है।
Masik shivratri 2024 मासिक शिवरात्रि व्रत 2024
मासिक शिवरात्रि यानी की ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी तिथि का आरंभ 4 जून को रात 10 बजकर 1 से होगी और 5 जून को रात 7 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी।
Bhaum Pradosh Vrat puja vidhi भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
भौम प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण कर लें।
फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर चोला चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शाम के समय शिव जी का अभिषेक करें और पूरे विधि-विधान से पूजा करें।
भगवान शिव को दूध, दही, घी, गंगाजल और शहद से बने पंचामृत से स्नान करवाएं।
फिर बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत, फल और फूल अर्पित करें।
अंत में पूजा के बाद शिव चालीसा का पाठ करें और आरती करें और शिव जी को सफेद दूध की बर्फी का भोग लगाएं।