Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Nov, 2024 01:48 PM
Kaal Bhairav Jayanti 2024: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की काल भैरव जयंती विशेष रूप से भैरव जी की पूजा और उपासना का दिन होता है। यह दिन भैरव देव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना
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Kaal Bhairav Jayanti 2024: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की काल भैरव जयंती विशेष रूप से भैरव जी की पूजा और उपासना का दिन होता है। यह दिन भैरव देव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। काल भैरव जयंती पर विशेष रूप से निम्नलिखित उपाय और पूजा विधियां अपनाई जाती हैं, काल भैरव जयंती पर इन पूजा विधियों और उपाओं को ध्यान में रखकर आप भैरव देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं:
Kala Bhairava Bath and Purity काल भैरव स्नान और पवित्रता
सुबह उठकर उबटन और स्नान करें ताकि आप मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध हो सकें। यह दिन शुद्धता और समर्पण का प्रतीक है।
Kaal Bhairav Puja Materials काल भैरव पूजा सामग्री: काली तिल, उबटन सामग्री, पुष्प, दूध, शहद, घी, पानी, और लाल रंग का कपड़ा। भैरव जी की प्रतिमा या चित्र रखें।
Kaal Bhairav Jayanti Puja Vidhi काल भैरव जयंती पूजा विधि:
सबसे पहले भगवान भैरव का आवाहन करें और उनका स्मरण करें।
उनके सामने दीपक जलाएं, अगर संभव हो तो दीपक में तिल का तेल या घी डालें।
भैरव जी के चित्र या मूर्ति पर दूध, शहद, घी और पानी मिलाकर अर्पित करें।
तिल, पुष्प और चंदन से पूजा करें।
विशेष रूप से काले तिल, तंबाकू और शराब का भैरव जी के सामने अर्पण करने की परंपरा है क्योंकि वे इनसे प्रसन्न होते हैं।
"ॐ काल भैरवाय नमः" मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
Kaal Bhairav Jayanti vrat and upvaas काल भैरव जयंती व्रत और उपवास
यदि संभव हो, तो इस दिन उपवास रखें और केवल फलाहार या जल ही ग्रहण करें। इससे मानसिक शांति और भगवान भैरव की कृपा प्राप्त होती है।
स्मृति और भूत-प्रेतों से मुक्ति
भैरव बाबा को भूत-प्रेतों और अन्य नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति देने वाले देवता माना जाता है। विशेष रूप से मानसिक तनाव, डर, और अज्ञेय शक्तियों के प्रभाव में रहने वाले लोग भैरव जी की पूजा करते हैं ताकि उन्हें मानसिक शांति और मुक्ति मिल सके।
भैरव जी और सिद्धि प्राप्ति
काल भैरव की पूजा से विशेष रूप से उन लोगों को फायदा होता है जो सिद्धि प्राप्ति के मार्ग पर हैं। वे शमशान और अन्य शास्त्रों से संबंधित स्थानों के स्वामी हैं, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से व्यक्ति के जीवन में रहस्यमय शक्तियों और विशेष सिद्धियों का विकास हो सकता है।