Edited By ,Updated: 21 Nov, 2016 10:52 AM
आज भैरव अष्टमी का पर्व है। आज के दिन इनकी पूजा करने का विशेष महत्व है। भैरव को भगवान शिव का ही एक स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान कालभैरव
आज भैरव अष्टमी का पर्व है। आज के दिन इनकी पूजा करने का विशेष महत्व है। भैरव को भगवान शिव का ही एक स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान कालभैरव के 52 स्वरूप है। जिनमें से उनके 8 स्वरूपों को ही मुख्य माना जाता है। इन स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने से भगवान भैरव अपने भक्तों के कष्टों को हरते हैं। भगवान कालभैरव के अलग-अलग स्वरूपों के पूजन से भिन्न-भिन्न इच्छाअों की पूर्ति होती है। आइए जाने भगवान कालभैरव के 8 स्वरूपों के बारे में-
कपाल भैरव
इस स्वरूप में भगवान कालभैरव का शरीर चमकीला है। इस स्वरूप में उनका वाहन हाथी है। उनके एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में तलवार, तीसरे में शस्त्र अौर चौथे में पात्र को पकड़े हुए हैं। कालभैरव के इस स्वरूप की पूजा करने से कानूनी कारवाइयां खत्म होती है अौर रुके कार्य पूर्ण होते हैं।
क्रोध भैरव
इस स्वरूप में भगवान कालभैरव का शरीर गहरे नीले रंग का हैं। उनका वाहन गरुड़ है अौर इस स्वरूप में उनकी तीन आंखें हैं। उन्हें दक्षिण-पश्चिम दिशा के स्वामी माना जाता है। क्रोध भैरव की पूजा करने से सभी परेशानियों अौर बुरे वक्त से लड़ने की क्षमता में बढ़ौतरी होती है।
असितांग भैरव
भगवान कालभैरव के इस स्वरूप में उनका वाहन हंस है। असितांग भैरव के गले में सफेद कपालों की माला है अौर हाथ में भी एक कपाल है। इनकी तीन आंखें हैं। इनके इस स्वरुप की पूजा करने से व्यक्ति की कलात्मक योग्यताअों में वृद्धि होती है।
चंदा भैरव
इस स्वरूप में भगवान कालभैरव का रंग सफेद है अौर उनका वाहन मोर है। उनकी तीन आंखें हैं। काल भैरव के इस स्वरूप के एक हाथ में तलवार, दूसरे में एक पात्र, तीसरे हाथ में तीर और चौथे हाथ में धनुष हैं। चंदा भैरव के पूजन से दुश्मनों का नाश होता है अौर प्रत्येक बुरी परिस्थिति का सामाना करने की क्षमता आती है।
गुरु भैरव
यह भगवान का नग्न स्वरूप है। इस स्वरूप में उनके हाथ में कपाल, कुल्हाडी, एक पात्र और तलवार है। उन्होंने बैल की सवारी की हुई है। गुरु भैरव के शरीर में सांप लिपटा हुआ है। गुरु भैरव के पूजन से विद्या अौर ज्ञान की प्राप्ति होती है।
संहार भैरव
भगवान कालभैरव का ये स्वरूप बहुत ही अनोखा है। इस स्वरूप में संहार भैरव नग्न स्वरूप में हैं। उनके शरीर का रंग लाल है अौर उनके सिर पर कपाल स्थापित है। उनकी तीन आंखें हैं अौर उनका वाहन कुत्ता है। संहार भैरव की आठ भुजाएं हैं। उनके शरीर पर सांप लिपटा हुआ है। इनके पूजन से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है।
उन्मत्त भैरव
उन्मत्त भैरव के शरीर का रंग हल्का पीला है। उनकी सवारी घोड़ा है। ये भगवान काल भैरव का शांत अौर सुखद स्वरूप है। उन्मत्त भैरव की पूजा करने से व्यक्ति के मन सारी नकारात्मकता अौर बुराइयों का नाश होता है।
भीषण भैरव
भीषण भैरव के एक हाथ में कमल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे में तलवार और चौथे में एक पात्र हैं। उनका वाहन शेर है। इनकी पूजा-अर्चना करने से बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है।