Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Dec, 2024 08:06 AM
Kalka Shimla Toy Train: कालका शिमला रेलवे (के.एस.आर.) ट्रेन को आमतौर पर सभी ‘ट्वॉय ट्रेन’ कहते हैं लेकिन यह पूरी तरह से एक कमर्शियल ट्रेन है। हालांकि, यह घाटे में चल रही है, लेकिन इसे बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि
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Kalka Shimla Toy Train: कालका शिमला रेलवे (के.एस.आर.) ट्रेन को आमतौर पर सभी ‘ट्वॉय ट्रेन’ कहते हैं लेकिन यह पूरी तरह से एक कमर्शियल ट्रेन है। हालांकि, यह घाटे में चल रही है, लेकिन इसे बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि इसे यूनेस्को द्वारा ‘हैरीटेज’ यानी विरासत के रूप में प्रमाणित किया गया है। कालका शिमला रेलवे के अलावा, भारत में तीन अन्य ऐसे ट्रैक हैं अर्थात कांगड़ा वैली रेलवे, नीलगिरि माऊंटेन रेलवे और दार्जिलिंग हेरिटेज रेलवे। इन रेलवे ट्रैकों को नैरो गेज ट्रैक नाम दिया गया।
एक विरासत स्थल और यूनेस्को द्वारा विरासत के रूप में प्रमाणित 96 किलोमीटर के कालका-शिमला रेलवे ट्रैक में कुल 103 सुरंगें हैं। यह रोमांचक यात्रा तीन चरणों से होकर गुजरती है। आरंभ में कांटे और झाड़ियां आपका स्वागत करती हैं।
दूसरे चरण में बहुत सारे ताड़ के पेड़ हैं व तीसरे और अंतिम चरण में जैसे ही ऊंचाई तक ट्रेन चढ़ती है, चीड़ और देवदार के पेड़ों से भरी लंबी, ऊंची पर्वत चोटियां दिखाई देती हैं।
पहले स्टेशन टकसाल के बाद घुम्मन आता है, जो कालका से मात्र 11 कि.मी. दूर है। यहां ट्रेन पहाड़ियों के चारों ओर तीन चक्कर लगाती है। यहां एक सदी से भी अधिक पुराना बरगद का पेड़ है, जो यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल है।
बेहतरीन रख-रखाव, हरियाली और साफ-सफाई के कारण इस स्टेशन को यूनेस्को से कई अवॉर्ड और पुरस्कार मिल चुके हैं।
The longest tunnel सबसे लम्बी सुरंग
रेलवे स्टेशन बड़ोग का नाम अंग्रेज इंजीनियर कर्नल बड़ोग के नाम पर प्रसिद्ध हो गया। बाद में ब्रिटिश सरकार को एक बूढ़े और बुद्धिमान साधु की बात माननी पड़ी और उसके कहे अनुसार पहली सुरंग से कुछ दूरी पर वर्तमान सुरंग अस्तित्व में आई जो इस मार्ग की सबसे लम्बी सुरंग (1143 मीटर) है।
कालका शिमला ट्रैक की कई सुरंगों का निर्माण प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह के पिता, प्रसिद्ध सिविल ठेकेदार और ब्रिटिश सरकार के विश्वासपात्र सर शोभा सिंह द्वारा किया गया था।