Kalki avatar: आज भी रहस्य हैं भगवान विष्णु के दसवें अवतार ‘कल्कि’

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Sep, 2021 08:59 AM

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भगवद् गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, अधर्म और पाप का बोलबाला होता है, तब-तब धर्म की स्थापना के लिए मैं अवतरित होता हूं। प्रभु श्री राम और श्री कृष्ण अवतार भी अपने-अपने

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Kalki avatar appearance: भगवद् गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, अधर्म और पाप का बोलबाला होता है, तब-तब धर्म की स्थापना के लिए मैं अवतरित होता हूं। प्रभु श्री राम और श्री कृष्ण अवतार भी अपने-अपने युगों के अंत में हुए थे, अत: जब कलयुग का अंत निकट आएगा तब श्री कल्कि भगवान भगवान विष्णु दसवें अवतार के रूप में पृथ्वी पर अवतार लेंगे। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। भगवान विष्णु का यह पहला अवतार है जिन्हें अवतरित होने से पहले ही पूजा जाने लगा है। इनके देश में कई मंदिर हैं। कल्कि पुराण के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की संध्या व्यापिनी तिथि में जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तब श्री कल्कि भगवान का अवतार होगा।

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Kalki avatar story: कथाओं के अनुसार कलियुग में पाप, अत्याचार की अधिकता होने के कारण दुष्टों के संहार के लिए श्री कल्कि अवतार होगा- जब राजा होने का कोई नियम न रहेगा, राजा अत्यंत निर्दयी और क्रूर होंगे, उस समय भयंकर अकाल पड़ जाएगा, लोग भूख-प्यास तथा नाना प्रकार की चिंताओं से दुखी होंगे, वे पत्तियां खाकर पेट भरेंगे। मनुष्य चोरी, हिंसा आदि अनेक प्रकार के कुकर्मों से आजीविका चलाने लगेंगे।

कल्कि भगवान का वाहन देवदत्त नामक सफेद घोड़ा होगा। हाथ में तलवार लेकर भगवान कल्कि पापियों का संहार करेंगे और साधु-संतों के शुद्ध मन वाले लोगों की रक्षा करेंगे। पुराणों के अनुसार श्री कल्कि का अवतार उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल ग्राम में होगा और वह धर्म की स्थापना में सहयोग करेंगे। उनके अवतरित होते ही सतयुग का आरंभ होगा। भगवान श्री कृष्ण के प्रस्थान से कलियुग की शुरूआत हुई, नंद वंश के राज से कलियुग में वृद्धि हुई जबकि श्री भगवान कल्कि के अवतार से कलियुग का अंत होगा।

लगभग 300 वर्षों से श्री कल्कि भगवान की पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है। रामावतार के समान ही कल्कि भगवान के भी तीन और भाई होंगे। उनके नाम सुमंत, प्राज्ञ व कवि होंगे। इन्हीं भाइयों के साथ मिल कर वह धर्म की स्थापना करेंगे। भगवान कल्कि के याज्ञवलक्य जी पुरोहित एवं परशुराम उनके गुरु होंगे। उनके चार पुत्र जय, विजय, मेघमाल, बलाहका होंगे। श्री कल्कि अवतार लोगों के लिए आज भी रहस्य है। हर कोई जानना चाहता है कि भगवान विष्णु अपना कल्कि अवतार कब लेंगे। इन सभी सवालों के जवाब श्रीमद भगवद् गीता में मौजूद हैं। 

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