Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Aug, 2024 04:06 AM
कल्कि जयंती हिन्दू धर्म के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों में से एक है। यह पर्व भगवान विष्णु के दस अवतारों में से अंतिम अवतार कल्कि के जन्म की भविष्यवाणी की याद में मनाया जाता है। हिन्दू
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Kalki Jayanti 2024: कल्कि जयंती हिन्दू धर्म के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों में से एक है। यह पर्व भगवान विष्णु के दस अवतारों में से अंतिम अवतार कल्कि के जन्म की भविष्यवाणी की याद में मनाया जाता है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने समय-समय पर विभिन्न अवतार लेकर धर्म की रक्षा की है। वर्तमान में उनके नौ अवतारों का उल्लेख वेदों और पुराणों में किया गया है। जिनमें मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, और बुद्ध शामिल हैं। कल्कि अवतार उनकी एक अंतिम अवतार के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो कि भविष्य में एक क्षत्रिय योद्धा के रूप में प्रकट होगा और धरती पर धर्म की पुनः स्थापना करेगा।
कल्कि जयंती विशेष रूप से इस भविष्यवाणी की प्रतीकात्मकता को मान्यता देती है कि अंत में भगवान विष्णु धरती पर पाप और अराजकता को समाप्त करने के लिए आएंगे। यह दिन भक्तों को एक आश्वासन देता है कि धर्म की रक्षा के लिए भगवान हमेशा मौजूद रहेंगे।
इस दिन का महत्व धार्मिक विश्वास और आध्यात्मिक जागरूकता से जुड़ा हुआ है। यह उत्सव भक्तों को ईश्वर के प्रति विश्वास और धर्म की रक्षा के प्रति समर्पण की भावना को जागृत करता है। साथ ही यह समाज में धर्म और नैतिकता के मूल्यों को पुनः स्थापित करने की प्रेरणा भी प्रदान करता है।
Shubh muhurat of Kalki Jayanti कल्कि जयंती का शुभ मुहूर्त
कल्कि जयंती सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। जो इस वर्ष 10 अगस्त को देर रात 3 बजकर 14 मिनट पर आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 11 अगस्त की सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा। अत: 10 अगस्त को कल्कि जयंती का पर्व मनाया जाएगा।
Auspicious yoga will be formed on Kalki Jayanti कल्कि जयंती पर बनेंगे यह शुभ योग
कल्कि जयंती पर साध्य, शुभ एवं रवि योग का निर्माण हो रहा है। इन मंगलमय योगों में भगवान कल्कि की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इसके साथ ही कल्कि जयंती पर शिव वास योग भी रहेगा।