Kalpeshwar Temple: कल्पेश्वर महादेव में होती है शिव जी के जटा रूप की पूजा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jul, 2024 08:43 AM

kalpeshwar temple

उत्तराखंड में चमोली जिले के हेलंग से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पंचकेदार में पांचवां केदार- कल्पेश्वर। उर्गम घाटी में स्थित कल्पेश्वर मंदिर समुद्र तल से लगभग 2134

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Kalpeshwar Mahadev Temple, Chamoli, Uttarakhand: उत्तराखंड में चमोली जिले के हेलंग से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पंचकेदार में पांचवां केदार- कल्पेश्वर। उर्गम घाटी में स्थित कल्पेश्वर मंदिर समुद्र तल से लगभग 2134 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है तथा पंचकेदार में से एकमात्र है जो श्रद्धालुओं के लिए साल भर खुला रहता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भोलेनाथ ने यहां स्थित कुंड से समुद्र मंथन के लिए जल पात्र में जल दिया, जिससे चौदह रत्नों की उत्पत्ति हुई।

PunjabKesari Kalpeshwar Mahadev Temple

History of Kalpeshwar temple: यह भी है कि दुर्वासा ऋषि ने यहां स्थित कल्पवृक्ष के नीचे भगवान शिव की तपस्या की थी, जिस कारण इसे कल्पेश्वर नाम दिया गया है। कल्पेश्वर को कल्पनाथ नाम से भी जाना जाता है। यहां हर वर्ष शिवरात्रि को विशेष मेला भी लगता है। मंदिर में भगवान शिव के जटा रूप की पूजा की जाती है। एक विशालकाय चट्टान के नीचे छोटी-सी गुफा में स्थित मंदिर के गर्भगृह की यूं तो फोटो खींचना मना है लेकिन नेत्ररूपी कैमरे से देखने पर उस जगह की दिव्यता व भव्यता का एहसास होता है।

PunjabKesari Kalpeshwar Mahadev Temple

मंदिर के अंदर जिस जगह भगवान शिव के जटा रूप की पूजा होती है, उसके चारों ओर लिपटी रुद्राक्ष की माला शिव का जाप-सा करती प्रतीत होती है। चांदी का छत्र जटाओं को छांव देता-सा मालूम होता है। वहीं एक ओर भगवान गणेश व दूसरी ओर जटाओं से लिपटे नाग ऐसे प्रतीत होते हैं मानों भगवान शिव के प्रहरी हों। मंदिर के प्रांगण में भगवान शिव से जुड़े नंदी, त्रिशूल, डमरू, भस्म, शिवलिंग इत्यादि की पूजा होती है। प्रांगण में स्थित दो छोटे मंदिरों में से एक में कैलाश पर्वत पर विराजमान भगवान शिव-पार्वती व उनके बगल में बैठे गणेश जी की पूजा होती है, वहीं दूसरे मंदिर में हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। सावन के महीने में हजारों श्रद्धालु कल्पेश्वर मंदिर में दर्शनार्थ आते हैं।

How to reach Kalpeshwar Mahadev कैसे पहुंचें
कल्पेश्वर के लिए हेलंग से उर्गम गांव तक का रास्ता वन-वे व ठीक-ठाक सा है। निर्माण के बावजूद भूस्खलन के कारण सड़क जगह-जगह टूटी हुई है। सावन के महीने में बारिश के कारण सड़क जगह-जगह पर उखड़ी हुई मिलने के कारण खड़ी चढ़ाई में गाड़ी चलाने में दिक्कत आ सकती है, इसलिए कभी भी यदि खुद के वाहन से कल्पेश्वर आएं तो ध्यान रखें कि वाहन इतना पावरफुल हो कि पहाड़ की खड़ी चढ़ाई पर चढ़ सके।

PunjabKesari Kalpeshwar Mahadev Temple

हेलंग से ट्रैकर बुक कर भी कल्पेश्वर तक पहुंचा जा सकता है। पंचकेदार में कल्पेश्वर अकेला केदार है जिस तक मोटरमार्ग द्वारा पहुंचना संभव है। प्रकृति की गोद में स्थित इस मंदिर के पास पहुंचते ही एक विशाल झरना श्रद्धालुओं का स्वागत करता है। दूर से देखने पर लगता है मानो झरने के नीचे शिवलिंग हो और जल रूपी दूध से उसका अभिषेक किया जा रहा हो। मंदिर के ठीक सामने से कल्पगंगा नदी बहती है, जिसे हिरणावती भी कहा जाता है। नदी के ठीक ऊपर झूला पुल मंदिर हेतु प्रवेश द्वार का काम करता है। पूरी तरह से शांत उर्गम घाटी में पहाड़ से गिरता झरना और पुल के नीचे बहती कल्पगंगा नदी एक ऐसा जल-संगीत बिखेरे रहती हैं, मानो श्रद्धालुओं से कह रही हों कि इस जगह की शांति को बनाए रखें और केवल प्रकृति के संगीत को सुनें।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!