Edited By Prachi Sharma,Updated: 28 Jul, 2024 06:55 AM
सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन मास के न सिर्फ सोमवार बल्कि इस महीने में आने वाले सभी व्रत-त्यौहार बेहद खास महत्व रखते हैं और इन्हीं में से एक है एकादशी व्रत। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की
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Kamika ekadashi: सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन मास के न सिर्फ सोमवार बल्कि इस महीने में आने वाले सभी व्रत-त्यौहार बेहद खास महत्व रखते हैं और इन्हीं में से एक है एकादशी व्रत। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि कामिका एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जाने अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। तो ऐसे में आज जानते हैं इस साल सावन की कामिका एकादशी की तिथि, पूजा शुभ मुहूर्त, पारण समय और शुभ योग के बारे में-
हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 30 जुलाई को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर होगा और इसका समापन 31 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। तो ऐसे में उदयातिथि के चलते 31 जुलाई, दिन बुधवार को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन विष्णु पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 42 मिनट से लेकर 09 बजकर 05 मिनट तक रहेगा और सुबह 10 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक भी पूजा का शुभ मुहूर्त है। वही कामिका एकादशी व्रत का पारण अगले दिन 01 अगस्त, दिन गुरुवार को किया जाएगा। बता दें कि कामिका एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 43 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
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Kamika Ekadashi: 3 शुभ योगों में पड़ रही सावन की कामिका एकादशी, ये रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त
आगे आपको बता दें कि इस साल कामिका एकादशी के दिन बेहद ही शुभ संयोग बन रहा है। कामिका एकादशी सर्वार्थ सिद्धि योग, ध्रुव योग और शिववास रहेगा। इस दिन ध्रुव योग दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक रहेगा और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 43 मिनट से लेकर अगले दिन 05 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इसी के साथ देवों के देव महादेव कामिका एकादशी पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। भगवान शिव दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे, जिसे शिववास कहा जाता है। माना जाता है कि इन शुभ योगों में किया गया पूजा-पाठ और व्रत व्यक्ति को कई शुभ फल प्रदान करता है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। वहीं मान्यता है कि सावन की कामिका एकादशी पर पीली वस्तुओं से विष्णु जी की पूजा, कथा का श्रवण व दान करने से वाजपेय यज्ञ करने के समान पुण्य मिलता है। इतना ही नहीं एकादशी का व्रत रखने से श्री हरि अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनपर अपनी अपार कृपा बरसाते हैं। भगवान विष्णु जी की पूजा में तुलसी के पत्ते शामिल करना बिल्कुल न भूलें वरना आपकी पूजा अधूरी मानी जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कामिका एकादशी का व्रत रखने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।